
आज उतराखण्ड गवर्नमेंट पैशंनर संगठन की एक बैठक भिकियासैण तहसील मुख्यालय पर हुई जिसकी अध्यक्षता दीवान सिंह नेगी सेवानिवृत्त जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा की गई बैठक का संचालन संगठन के अध्यक्ष तुला सिंह तड़ियाल द्वारा किया गया। बैठक में पैंशनरों से कम्युटेशन की वसूली पन्द्रह साल के बजाय 10 साल 8 माह करने पर जोर दिया गया वक्ताओं ने कहा कि माननीय न्यायालयों के आदेश के बाद कई राज्यों ने अपने पैंशनरों की कटौती दस साल आठ महीने कर दी है लेकिन उत्तराखंड सरकार ने इसकी जाँच हेतु एक समिति का गठन भी किया समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौप दी है परन्तु सरकार ने अभी तक इस पर कोई कार्यवाही नहीं की है बैठक को सम्बोधित करते हुए डी एस नेगी ने कहा कि, सरकार को पैंशन की बढोत्तरी अस्सी वर्ष की उम्र पूर्ण करने पर 20 प्रतिशत के स्थान पर इसको 65 वर्ष की उम्र पर 5 प्रतिशत 70 वर्ष में 10 प्रतिशत 75 वर्ष में 15 प्रतिशत तथा 80 वर्ष में 20 प्रतिशत करनी चाहिए उन्होंने आगे कहा सरकार पैशंनरों को आठवें वेतन आयोग का लाभ नहीं देने जा रही है इसके लिए हमें अभी से सजग रहना चाहिए। अपने सम्बोधन में प्रताप सिंह मनराल जी ने कहा कि, स्वास्थ्य प्राधिकरण ने अभी तक स्वास्थ्य योजना छोड़ चुके पैशंनर की काटी गई धनराशि वापस नहीं की है और स्वास्थ्य प्राधिकरण अभी भी ऐसे लोगों से वसूली कर रहा है जिनका अभी तक गोल्डन कार्ड नही बना है यह एक तरह से लूट है बैठक में तय किया गया कि, सरकार यदि हमारी मांगों पर यथोचित कार्यवाही नहीं करती है तो इसके लिए आन्दोलन की रणनीति तैयार की जायेगी । संगठन के सचिव श्री किशन सिंह मेहता जी के स्वास्थ्य खराब होने के कारण श्री आनन्द प्रकाश लखचौरा को संगठन का सचिव मनोनीत किया गया बैठक को अम्बा दत्त बलौदी, के एन कबडवाल, खीमा नन्द जोशी, गुसाई सिंह उनियाल, बचे सिंह नेगी, आनन्द प्रकाश लखचौरा, भीम सिंह, शोबन सिंह मावड़ी, गंगा सिंह बिष्ट, गोपाल दत्त सती, खीम राम आर्य, बाला दत्त उपाध्याय, गोपाल दत्त भगत, जगदीश चंद्र मठपाल, आदि लोगों ने सम्बोधित किया बैठक के अन्त में संगठन के सक्रिय सदस्यों सर्व श्री गंगा दत्त जोशी, चन्द्र सिंह रौतेला, लीलाधर जोशी, चन्दन सिंह बिष्ट, ज्वाला दत्त मठपाल, केवलानन्द सती, नारायण सिंह बंगारी, दयाल चन्द्र, गोपाल दत्त डुंगरियाल, देबी दत्त मठपाल, सुरेन्द्र सिंह बंगारी के निधन पर दुख व्यक्त किया गया तथा दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।