भाजपा दिल्ली सरकार संकल्प पत्र को कार्यान्वित करे
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प्रो. नीलम महाजन सिंह
दिल्ली विधानसभा 2025, में भारतीय जनता पार्टी को 70 सीटों में से 48 सीटों पर विजय पाने से स्पष्ट हो गया था कि अब ‘भाजपा की डबल इंजन सरकार’ देश की राजधानी, दिल्ली पर शासन करेगी। बहुत समय तक दिल्ली के मुख्यमंत्री के नाम पर, माथापच्ची होती रही। विरेंद्र सचदेवा, सतीश उपाध्यक्ष, विजेंद्र गुप्ता, प्रवेश वर्मा व अनेक पुराने दिग्गजों को दरकिनार कर,
रेखा गुप्ता के दिल्ली का मुख्यमंत्री घोषित किया गया।
अनेक चेहरों पर हैरानगी व रोष नज़र आया। रेखा गुप्ता, दो बार भाजपा की टिकट से शालीमार विधानसभा से चुनाव हार गई थीं। फ़िर डॉ. शैली ओबेरॉय से दिल्ली के महापौर चुनाव में हारने के बाद का वीडियो, जिसमें वह सरकारी संपति, स्टेज से माइक को तोड़ रहीं हैं, सोशल साइट्स पर वायरल हो गया। जो शब्द रणवीर इलाहाबादीया ने मात-पिता के अपमान में बोले, वैसे ही रेखा गुप्ता ने, आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल के मात-पिता को गालियां देते हुए ट्वीट किए थे। इससे रेखा गुप्ता की छवि धूमिल हुई है। भाजपा के सीनियर नेताओं का कहना है कि, हर चुनाव हारने वाली महिला को मुख्यमंत्री बनाना कहां तक सही है? रेखा गुप्ता के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके सामने कुछ बड़ी चुनौतियां हैं। वित्त प्रबंधन करने से लेकर, मुख्य चुनावी वादों को पूरा करने व यमुना की सफाई करने तक, भाजपा सरकार के सामने, प्रशासनिक कामकाज शुरू करने के लिए बहुत कार्य है। रेखा गुप्ता व अन्य नेताओं ने उपराज्यपाल विनय कुमार कुमार सक्सेना, से मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार रेखा गुप्ता के साथ दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के साथ राज निवास में बैठक की। भाजपा के सबसे बड़े चुनावी वादों में से एक यह है कि उनकी सरकार 08 मार्च 2025 तक महिला लाभार्थियों को ₹2,500 रुपये वितरित करेगी। अपने अभियान भाषण में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “हमने अपनी बहनों को ₹2,500 रुपये (प्रति माह) देने का संकल्प लिया है। यह गारंटी पूरी होगी क्योंकि यह मोदी की गारंटी है। आप देखेंगे कि दिल्ली में भाजपा की सरकार बनेगी व 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं को अपने खातों में यह पैसे मिलने लगेंगें।” 27 साल बाद भारतीय जनता पार्टी, एक निर्णायक जनादेश के साथ दिल्ली की सत्ता में लौटी है। पिछली सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को जारी रखा जायेगा, शहर के प्रदूषण व बुनियादी ढांचे की समस्याओं को ठीक करना होगा व यमुना की सफ़ाई करनी होगी। भाजपा सरकार को राष्ट्रीय राजधानी की वित्तीय सेहत पर नज़र रखते हुए ये सारे काम पूरे करने हैं। आम आदमी पार्टी, जो अब 22 सीटों के साथ विपक्ष में होगी, वह दिल्ली सरकार पर दबाव बनाए रखेगी। भाजपा की पूर्ण विजय से ‘आप’ का दिल्ली में, एक दशक लंबा शासन समाप्त हो गया है। आम आदमी पार्टी के ₹2,100/- रुपये के वादे से आगे निकल कर बीजेपी ₹2500/- की राशि के लिए प्रतिबद्ध है। इसे महाराष्ट्र की ‘लाडली बहना योजना’ की राजनीतिक सफ़लता से लिया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने 01 फरवरी को द्वारका में एक रैली को संबोधित करते हुए आश्वासन दिया था कि अगर भाजपा सत्ता में आती है तो पहली ही कैबिनेट बैठक में राशि हस्तांतरित करने का निर्णय लिया जाएगा। ‘आप’ की अतिशी सिंह ने पहले ही मानदेय भुगतान के लिए भाजपा की पर संदेह जताया है। निवर्तमान मुख्यमंत्री आतिशी ने नई सरकार को जवाबदेह ठहराया है। प्रथम बार विधायक बनीं, रेखा गुप्ता के समक्ष इतनी चुनौतियाँ हैं जो उन्हें ज़िम्मेदारी से कार्यान्वित करनी होंगीं। मंत्री आशीष सूद ने कहा, “जिन्होंने दिल्ली को लूटा है, उन्हें इसकी कीमत चुकानी होगी”। भाजपा के लिए एक और बड़ी चुनौती ‘आप सरकार द्वारा शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं’ को जारी रखना होगा, जिसमें 200 यूनिट तक मुफ़्त बिजली, मुफ्त पानी का कनेक्शन व महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा शामिल हैं। भाजपा ने मतदाताओं को आश्वासन दिया था कि ये लाभ बंद नहीं किये जायेंगें। ‘आप’ नेताओं ने पार्टी की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता पर सवाल उठाये हैं। चुनावों प्रचार के दौरान पीएम मोदी व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मतदाताओं को आश्वस्त किया कि मुफ्त योजनाएं जारी रहेंगी, लेकिन ऐसे कार्यक्रमों में भ्रष्टाचार को खत्म किया जाएगा। भाजपा को दिल्ली में अपने संकल्प पत्र के प्रमुख कार्यक्रमों को भी लागू करना होगा। भाजपा ने दिल्ली में ‘आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना’ शुरू करने का वादा लागू करने का निर्णय ले लिया है। इस योजना में प्रति लाभार्थी को ₹5 लाख रुपये तक का मुफ़्त इलाज उपलब्ध है व साथ ही राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त ₹5 लाख रुपये का खर्च वहन किया जायेगा। ‘आप’ सरकार ने पहले इसे लागू करने से इंकार कर दिया था, यह दावा करते हुए कि दिल्ली की मौजूदा स्वास्थ्य सेवा प्रणाली बेहतर व अधिक समावेशी है। भाजपा ने दिल्ली के ‘मोहल्ला क्लीनिकों’ में सुधार करने की कसम खाई है। राजौरी गार्डन से भाजपा विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि क्लीनिकों को “आयुष्मान आरोग्य मंदिर” के रूप में पुनः ब्रांडेड किया जाएगा व बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जाएगीं। पीएम मोदी व भाजपा ने ‘आप’ पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है, कि वह वित्तीय अनियमितताओं को छिपाने के लिए जान बूझकर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी CAG Report) की रिपोर्ट को विधानसभा में पेश करने से बचती रही है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि सभी लंबित सीएजी रिपोर्ट को पेश किया जाएगा व सभी भ्रष्टाचार के आरोपों की गहन जांच की जाएगी। आप के खिलाफ भ्रष्टाचार के दो मुख्य आरोप ‘शीश महल’ विवाद व ‘शराब नीति’ मामले में थे। जब भाजपा ने एक दशक लंबे शासन में नदी की सफाई में विफल रहने के लिए ‘आप’ को घेरा, तो केजरीवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार ‘ज़हरीली अमोनिया से यमुना नदी को प्रदूषित कर रही है’। इसका कोई साक्ष्य नहीं है। दिल्ली सरकार ने, यमुना के 57 किलोमीटर लंबे हिस्से में सफाई अभियान के लिए कचरा हटाने वाली मशीनें व ड्रेजर तैनात करना शुरू कर दिया है। भाजपा सरकार पर दिल्ली की बिगड़ी सड़कों व सीवेज व्यवस्था को सुधारने का दबाव है। खराब बुनियादी ढांचा मतदाताओं की एक बड़ी चिंता थी व इन मुद्दों को संबोधित करना सरकार की विश्वसनीयता के लिए महत्वपूर्ण है। दिल्ली आज विश्व का अधिकतम प्रदूषित शहर है, जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने ‘गैस चैम्बर’ कहा है। भाजपा सरकार पर इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति को अपडेट करने सहित एक प्रभावी प्रदूषण नियंत्रण रणनीति को लागू करना आवश्यक है। भाजपा के लिए एक और चुनौती दिल्ली में एक स्थिर नेतृत्व बनाए रखना होगा। 1993 से 1998 तक के अपने पिछले कार्यकाल के दौरान, पार्टी के तीन अलग-अलग मुख्यमंत्री थे – मदन लाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा व सुषमा स्वराज। सुषमा स्वराज केवल 52 दिन की मुख्यमंत्री रहीं। ‘आप’ ने पहले ही भाजपा की दिल्ली इकाई में संभावित आंतरिक संघर्षों के बारे में चिंता जताई है। आप नेता गोपाल राय ने कहा, “मुख्यमंत्री चुनने में उनके विलंब से पता चलता है कि उनके पास कोई चेहरा नहीं है व अंदरूनी मतभेद हैं”। वास्तविकता यह है कि इतिहास खुद को दोहरा सकता है व पांच साल में तीन मुख्यमंत्री देखे जा सकते हैं! दिल्ली में भाजपा के अगले पांच साल व्यापक राजनीतिक परिदृश्य के लिए महत्वपूर्ण होंगे। दिल्ली में अपनी उपस्थिति मजबूत करने, पंजाब में सरकार बनाने व अन्य राज्यों में अपनी पैठ बढ़ाने के बाद ‘आप’ एक राष्ट्रीय खिलाड़ी के रूप में उभरा है। हालांकि, दिल्ली में आम आदमी पार्टी हार गई है, फ़िर भी वे देश में विपक्षी दल के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। दिल्ली में भाजपा का प्रदर्शन ‘आप’ के भविष्य को आकार देने व देश की राजनीतिक दिशा निर्धारित करने में प्रमुख भूमिका निभाएगा। दिल्ली को ग्लोबल सिटी बनाने का वायदा, पीएम नरेंद मोदी के लिए महत्वपूर्ण चुनौती है। चुनाव तो समाप्त हो गए अब प्रशासनिक निर्णय और उनके कार्यान्वयन पर सभी की नज़र है!
प्रो. नीलम महाजन सिंह
(वरिष्ठ पत्रकार, राजनैतिक विश्लेषक, शिक्षाविद, दूरदर्शन व्यक्तित्व, सॉलिसिटर फॉर ह्यूमन राइट्स संरक्षण व परोपकारक)
singhnofficial@gmail.com