भरपूर सराहना की गई उफनि द्वारा प्यारेलाल भवन में आयोजित क्रांतिकारी नागेंद्र सकलानी और मोलू भरदारी के सर्वोच्च बलिदान पर आधारित नाटक “मुखजात्रा” की
डॉ. सुनील कैथोला द्वारा लिखित और एनएसडी के पूर्व छात्र, स्नातकोत्तर डॉ. सुवर्ण रावत द्वारा निर्देशित मुखजात्रा नामक नाटक का मंचन आज नई दिल्ली के आईटीओ स्थित प्यारेलाल भवन सभागार में किया गया।
आजादी के बाद के अनवरत संघर्ष और टिहरी राजशाही के इशारे पर क्रांतिकारी नागेंद्र सकलानी और मोनू भरधारी की पुलिस गोलियों से की गयी नृशंस हत्या पर आधारित नाटक ने तत्कालीन गांधीवादी और क्रांतिकारी नरेंद्र सकलानी के नेतृत्व में टिहरी गढ़वाल को घोर दमन, उत्पीड़न, यातना और बर्बरता के प्रतीक तत्कालीन टिहरी राजवंशीय शासन के चंगुल से मुक्ति दिलाई जिसका डॉ. सुवर्ण रावत के उत्कृष्ट निर्देशन में बेहद निपुणता के साथ मंचन किया गया। डॉ. सुवर्ण रावत की सभी ने सराहना की।
नाटक ने बहुत ही कुशलता से टिहरी गढ़वाल के तत्कालीन शासक राजवंश के बहुआयामी पहलुओं को प्रदर्शित किया, जिससे स्वतंत्रता के लिए लोगों के संघर्ष का विकास हुआ और अंततः टिहरी साम्राज्य की पुलिस द्वारा उनके आदेश पर क्रांतिकारी नागेंद्र सकलानी और मोनू भरदारी की हत्या कर दी गई।
तत्कालीन गांधीवादी स्वतंत्रता सेनानी त्रेपन सिंह नेगी, (जो सत्तर और अस्सी के दशक में टिहरी गढ़वाल से दो मर्तबा सांसद निर्वाचित हुए ) और पेशावर विद्रोह के नायक चंद्र सिंह गढ़वाली ने दोनों क्रांतिकारियों की लाशों का नेतृत्व करते हुए उन्हें कीर्ति नगर से टिहरी तक घुमाया और टिहरी राजशाही के अत्याचारी और दमनकारी शासन से अपनी आजादी के लिए उत्सुक हजारों लोगों को एकजुट किया।
अंततः स्वतंत्रता प्राप्त हुई और टिहरी राजवंश को भारतीय संघ में शामिल होने के लिए मजबूर होना पड़ा।
यह नाटक यूएफएनआई के तत्वावधान में खेला गया और गढ़वाली, कुमाऊंनी और जौनसारी अकादमी दिल्ली द्वारा प्रायोजित था।
प्रेस क्लब आफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष उमाकांत लखेड़ा, अकादमी के सचिव संजय कुमार गर्ग, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार श्री मदन मोहन सती, डॉ. हरिसुमन बिष्ट, प्रसिद्ध संगीतकार श्री ढौंडियाल, श्री ध्यानी, पत्रकार श्रीमती सुषमI ध्यानी, सुनील नेगी यूके नेशन न्यूज के संपादक,सच्चिदानंद शर्मा, पूर्व राज्य मंत्री, संयोगिता ध्यानी उफनी उत्तराखंड और ऐतिहासिक नाटक के पटकथा लेखक डॉ. सुनील कैंथोला ने टिहरी गढ़वाल क्रांति के गुमनाम नायकों के सर्वोच्च बलिदान पर प्रकाश डाला और दीप जलाकर नाटक का उद्घाटन किया।
यूएफएनआई की ओर से अतिथियों को शॉल और बुके देकर सम्मानित किया गया। नाटक की सभी ने सराहना की क्योंकि दर्शक अंत तक अपनी सीटों से चिपके रहे और व्यक्तिगत रूप से कलाकारों से मिले और उन्हें बधाई दी।
डॉ. सुनील कैंथोला द्वारा लिखित, डॉ. सुवर्ण रावत द्वारा निर्देशित व वरिष्ठ कवि मदन डुकलाण जी के लिखे जनगीतों से सुसज्जित नाटक “मुखजात्रा” में गढ़वाली नाटकों के कई स्थापित व नए कलाकारों जैसे दर्शन सिंह रावत, ममता कर्नाटक, इमुश बंदूनी, सविता पंत, रामपाल किमोली , भरत बिष्ट, मुस्कान भंडारी व नई पिढ़ी के बच्चों के साथ गढ़वाली फिल्मों के जाने पहचाने चेहरे कुसुम बिष्ट, राकेश गौड़,अजय बिष्ट, पी.एस. चौहान, जगमोहन रावत, डॉ.सतीश कलेश्वरी व अंजु भंडारी ने बाखूबी अभिनय किया और दर्शकों से बेहद प्रसंशा अर्जित की I
नाटक के अंत में सभी कलाकारों का परिचय दर्शकों के बीच जयकारों के बीच कराया गया और लेखक डॉ. सुनील कैंथोला और निर्देशक सुवर्ण रावत ने उनके उत्कृष्ट नाटक के लिए हार्दिक बधाई दी और सराहना की। अकादमी के उपाध्यक्ष कुलदीप भंडारी और विनोद बछेती ने दर्शकों को संबोधित करते हुए यूएफएनआई की उनके शानदार नाटक की सराहना की। अकादमी के उपाध्यक्ष भंडारी ने उत्तराखंड अकादमी के पूर्ण समर्थन और सहयोग का आश्वासन देते हुए अधिक से अधिक उत्तराखंड के लेखकों और निर्देशकों को उनके प्रभावशाली नाटकों को सामने लाने के लिए आमंत्रित किया।
अच्छी कवरेज के ज्ञानवर्धक तथ्यों को उजागर करने के लिए साधुवाद एवं शुभकामनाएँ
टिहरी रियासत के दमन चक्र में शहादत पाने वाले शहीदों को सादर नमन!