बड़े भाई सुरेश रावत को गए एक साल हो गया : श्रद्धा सुमन

भाई साब आप बहुत याद आते हैं

आज मन बहुत उद्द्वेलित है . आज ही के दिन एक वर्ष पूर्व , मेरे बहुत अज़ीज़ ,बड़े भाई जो भाई से ज्यादा दोस्त सुरेश रावतजी हमारे बीच से , सभी को रोते बिलखते छोड़ गए . मेरी भाभीजी और भांजे, भांजियों पर क्या बीती होगी बयां से परे है है. इसे वज्रपात ही कहूंगा क्योंकि एक हंसमुख सबके सुख दुख में हमेशा शामिल रहने वाले बेहतरीन इंसान को भला कौन नहीं मिस करेगा दिल की गहराईओं से. यकींन मानिये वो लाखों नहीं करोड़ों में एक थे . एक बेहतरीन खुश मिज़ाज़, कर्त्तव्य परायण पति, केयरिंग पिता, दोस्तों के दोस्त, प्यारा भाई और ड्यूटी बाउंड कर्मी के कोविड़ के भयंकर दौर में चले जाना, न सिर्फ सबको स्तब्ध कर देता है बल्कि दुःख के सागर में भी धकेल देता है .उनकी शान में लिखने को बहुत कुछ है, पर दिल भर आता है जब उनका मुस्कुराता हुआ, मिलनसार चेहरा और भाव सामने आते हैं हैं मेरे स्मृति पटल पर. भाई सुरेश रावतजी तुम हमेशा हमारे ह्रदय और स्मृति पटल में विद्यमान रहोगे ,हम सब की प्रेरणा बनकर. कोटि कोटि. अश्रुपूर्ण नमन भाई साहब.

सुनील नेगी, अध्यक्ष, उत्तराखंड जर्नलिस्ट्स फोरम


रमेश रावत , बड़े भाई,अनिल नेगी सभी परिवार जन

2 comments
JP Dhaundiyal

अपने किसी अजीज के जाने का दुःख समझ सकते हैं.
प्रभु सुरेश भाई की आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दे और आपको और परिवार को दुख सहने की शक्ति.
उनकी पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं.

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