बाल चिकित्सा विभाग, ABVIMS, डॉ. आरएमएल अस्पताल द्वारा “Impactful Grant Writing” (प्रभावी अनुदान लेखन) पर एक सीएमई (Continued Medical Education) कार्यक्रम आयोजित

बाल चिकित्सा विभाग, ABVIMS, डॉ. आरएमएल अस्पताल, नई दिल्ली द्वारा “Impactful Grant Writing” (प्रभावी अनुदान लेखन) पर एक सीएमई (Continued Medical Education)आज 22 मार्च 2025 को कार्यक्रम आयोजित किया गया।

भारत विश्व के लिए एक अनुसंधान और नवाचार केंद्र बनने की दिशा में परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. प्रो. दिनेश कुमार ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के भारत को अनुसंधान और नवाचार का केंद्र बनाने के स्वप्न पर जोर दिया, विशेष रूप से “मेक इन इंडिया” पहल को सफल बनाने पर बल दिया।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य रचनात्मक और प्रभावशाली अनुसंधान अनुदान प्रस्तावों के लेखन को प्रोत्साहित करना था, ताकि प्रमुख अनुसंधान कार्यों के लिए अनुदान और वित्तीय सहायता प्राप्त की जा सके। इससे चिकित्सा क्षेत्र में भारतीय डेटा और साक्ष्य उत्पन्न करने में सहायता मिलेगी।

यह केवल भारत सरकार द्वारा नीतियों और कार्यक्रमों के निर्माण में सहायक नहीं होगा, बल्कि बेसिक साइंसेज, क्लिनिकल मेडिसिन, प्रक्रिया मूल्यांकन, फार्मेसी में ड्रग मॉलिक्यूल डेवलपमेंट, ड्रग ट्रायल आदि में भी अनुसंधान को बढ़ावा देगा।

कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि डॉ. प्रो. धीरज गुप्ता, निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण संस्थान मुनिरका नई दिल्ली द्वारा किया गया। डॉ. प्रो. हरीश पेमडे, मेडिकल सुपरिटेंडेंट, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज और कलावती सरन चिल्ड्रन हॉस्पिटल, नई दिल्ली को विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया।

इसके अलावा, डॉ. मनोज कुमार दास, निदेशक, INCLEN, ने भी कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई और प्रभावी अनुदान लेखन तथा विभिन्न भारतीय और अंतरराष्ट्रीय वित्तपोषण एजेंसियों से अनुसंधान निधि प्राप्त करने पर अपने महत्वपूर्ण विचार साझा किए।

कार्यक्रम में देश के जाने-माने विशेषज्ञों इससे संबंधित विभिन्न विषयों पर अपने विचार व्यक्त किया ।

डॉ. प्रदीप कुमार (ICMR)

डॉ. विकास दिक्षे (DHR)

डॉ. प्रो. माला छाबड़ा (ABVIMS, डॉ. आरएमएल अस्पताल)

डॉ. सुधा चंदेलिया (ABVIMS, डॉ. आरएमएल अस्पताल)

इस कार्यक्रम में संस्थान के साथ-साथ बाहरी संस्थानों से भी वरिष्ठ संकाय सदस्यों, सीनियर रेजिडेंट्स और स्नातकोत्तर डॉक्टरों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

आयोजन सचिव डॉ. प्रो. सुधा चंदेलिया ने युवा और मध्यम स्तर के वैज्ञानिकों के करियर विकास तथा देश में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए ऐसे कार्यक्रमों और वार्ताओं की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

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