फ़िक्की की वार्षिक बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने किया कृषि क़ानूनों का उल्लेख
अतनु दास , वरिष्ठ पत्रकार
नई दिल्ली ,२६ अक्तूबर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिक्की की वार्षिक बैठक को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि कानूनों का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि हाल में हुए कृषि सुधारों से किसानों को नए बाजार मिलेंगे, नए विकल्प मिलेंगे, प्रौद्योगिकी का ज्यादा लाभ मिलेगा। कृषि क्षेत्र में ज्यादा निवेश होगा और इसका सबसे ज्यादा फायदा किसानों को होने वाला है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम लोगों ने 20-20 के मैच में तेजी के साथ बहुत कुछ बदलते देखा है। लेकिन 2020 के इस वर्ष ने सभी को मात दे दी है। इतने उत्तर चढ़ाव से देश और दुनिया गुजरी है कि कुछ वर्षों बाद जब हम कोरोना काल को याद करेंगे तो शायद यकीन ही नहीं आएगा। लेकिन अच्छी बात ये रही कि जितनी तेजी से हालात बिगड़े, उतनी ही तेजी के साथ सुधर भी रहे हैं ।
इस महामारी के समय भारत ने अपने नागरिकों के जीवन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी, ज्यादा से ज्यादा लोगों का जीवन बचाया। आज इसका नतीजा देश देख रहा है और दुनिया भी देख रही है। भारत ने जिस तरह बीते कुछ महीनों में एकजुट होकर काम किया, नीतियां बनाई, निर्णय लिए हैं, स्थितियों को संभाला है। उसने पूरी दुनिया को चकित करके रख दिया है।
दुनिया का जो विश्वास बीते छह वर्षाों में भारत पर बना था, वो बीते महीनों में और मजबूत हुआ है।
FDI हो या FPI, विदेशी निवेशकों ने भारत में रिकॉर्ड निवेश किया है और निरंतर कर रहे हैं। गत 6 वर्षों में भारत ने ऐसी सरकार देखी है, जो सिर्फ और सिर्फ 130 करोड़ देशवासियों के सपनों को समर्पित है। जो हर स्तर पर देशवासियों को आगे ले जाने के लिए काम कर रही है।
आज अर्थव्यवस्था के सूचक(इंडिकेटर) उत्साह बढ़ाने वाले हैं। देश ने संकट के समय जो सीखा उसने भविष्य के संकल्पों को और दृढ़ किया है। अनुभव रहा है कि पहले के समय की नीतियों ने कई क्षेत्रों में अदक्षता को संरक्षण दिया, नए प्रयोग करने से रोका। जबकि आत्मनिर्भर भारत अभियान हर क्षेत्र में दक्षता को बढ़ावा देता है।
कृषि क्षेत्र और इससे जुड़े अन्य सेक्टर के बीच की दीवारों को हटाया जा रहा है। इन रिफॉर्म्स के बाद किसानों को नए बाज़ार, नए विकल्प और तकनीक का ज़्यादा लाभ मिलेगा। इन सब से कृषि क्षेत्र में ज़्यादा निवेश होगा और इसका सबसे ज़्यादा फायदा देश के किसान को होगा। एग्रीकल्चर सेक्टर और उससे जुड़े अन्य सेक्टर जैसे एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर हो, फ़ूड प्रोसेसिंग हो, स्टोरेज हो, कोल्ड चैन हो इनके बीच हमने दीवारें देखी हैं। अब है सभी दीवारें और अड़चनें हटाई जा रही हैं।
देशभर में सार्वजनिक WiFi Hotspot का नेटवर्क तैयार किया जाएगा। इससे गांव-गांव में कनेक्टिविटी का व्यापक विस्तार होगा। मेरा आपसे आग्रह है कि रूरल और सेमी रूरल क्षेत्रों में बेहतर कनेक्टिविटी की इन प्रयासों में भागीदार बनें। ये निश्चित है कि 21वीं सदी के भारत की ग्रोथ को गांव और छोटे शहर ही सपोर्ट करने वाले हैं। आप जैसे entrepreneurs को गांव और छोटे शहरों में निवेश का मौका बिल्कुल नहीं गंवाना चाहिए।
देश के कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए बीते वर्षों में तेजी से काम किये गए है। उससे भारत का एग्रीकल्चर सेक्टर पहले से कहीं अधिक वाइब्रेंट हुआ है। आज भारत के किसानों के पास अपनी फसल मंडियों के साथ ही बाहर भी बेचने का विकल्प है। आज भारत मे मंडियों का आधुनिकीकरण तो हो ही रहा है, किसानों को डिजिटल प्लेटफार्म पर फसल बेचने और खरीदने का भी विकल्प दिया है। इन सारे प्रयासों का लक्ष्य यही है कि किसानों की आय बढ़े, देश का किसान समृद्ध हो।
पहले की नीतियां जो भी रही हों लेकिन आज की नीतियां, ग्रामीण कृषि आधारित अर्थव्यवस्था विकसित करने के लिए बहुत अनुकूल है। नीति और नीयत से सरकार किसानों का हित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इन सारे प्रयासों का लक्ष्य यही है कि किसानों की आय बढ़े, देश का किसान समृद्ध हो। जब देश का किसान समृद्ध होगा तो देश भी समृद्ध होगा ।