प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में महान हिंदी कवि नीरज जी को पांचवीं पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई
२० जुलाई को महाकवि गोपाल दास नीरज जी की पांचवी पुण्यतिथि पर महाकवि गोपालदास नीरज फाउंडेशन ट्रस्ट के द्वारा प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के तत्वाधान में काव्यांजलि कार्यक्रम के तहत अखिल भारतीय कवि सम्मेलन और सम्मान समारोह आयोजित किया गया, कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्री चेतन शर्मा, एडिशनल सॉलिसिटर जनरल, यूनियन ऑफ इंडिया, दिल्ली हाईकोर्ट, सरंक्षक श्री उपेंद्र रॉय, सीमडी भारत एक्सप्रेस चैनल, विशिष्ट अतिथि के रुप में अनू कपूर तथा राजपाल यादव जी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे. संरक्षक उपेंद्र राय ने कार्यक्रम की शुरुआत नीरज जी की तस्वीर पर माल्यार्पण करके किया ..कार्यक्रम के बीच मे उन्होंने बताया की किस तरह नीरज की रचना
छुप छुप अश्रु बहाने वालो.. जीवन व्यर्थ लुटाने वालो ..
ने उनके जीवन पर गहरा प्रभाव डाला है..इसके बाद कार्यक्रम की शुरुआत में आगरा से आये पवन आगरी ने अपनी रचना से की.. भैया ये स्वतंत्र भारत है
यहाँ खाने की सबमें आदत है
इकबाल अशर के शेरो ने कार्यक्रम का समा बांध दिया.. मुंबई फिल्मी दुनिया से पधारे अनू कपूर को नीरज फाउंडेशन ट्रस्ट द्वारा एक लाख रुपए का चैक देते हुए सम्मानित किया और इसके बाद राजपाल यादव का भी सम्मान किया गया..अनू कपूर जी ने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए ईधर खुले उधर खुले कहीं तो खुले, आवाज बैठने को है कही तो खुले शहर कहकर श्रोताओं को वाह वाह करने पर करने पर विवश कर दिया, अनू कपूर ने नीरज सम्मान से सम्मानित करने पर स्वयं को सौभाग्यशाली बताते हुए कहा कि मेरे भाव है क्या बयां करूं सही आदमी को जब सही सम्मान मिलता है तो शब्दों में उस खुशी को कह पाना संभव नहीं हो पाता, अनू कपूर ने इंग्लिश भाषा को संवाद संप्रेषण का जरिया बताया सम्मान का नही, अनू कपूर ने गोपालदास नीरज जी का संस्मरण याद करते हुए सुनाया कि एक बार नीरज जी ने पूछा की क्या सुनाओगे मैने कहा आपका ही लिखा हुआ सुनाऊंगा..इस मौके पर
राजपाल यादव ने मंच से संबोधन करते हुए कद को लेकर कटाक्ष हास्य कहते हुए सभागार को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया, राजपाल यादव ने अपनी स और श शब्द को बोलने की कमी दूर करने का श्रेय दिल्ली के मंडी हाउस स्थित कार्यशाला को दिया उन्होंने गोपालदास नीरज जी के जीवन को जीवंत गीतकार की संज्ञा देते हुए कहा कि जब तक यह भारत है तब तक नीरज जी का नाम कविता और गीत में रहेगा..इस मौके पर नीरज के पुत्र शशांक प्रभाकर ने अपनी कविता…
हम पर छाई फ़कीरी ऐसी खोना पाना छोड़ दिया
हमने शाहों के रस्तों पर आना जाना छोड़ दिया..अलवर से आये कवि विनीत चौहान ने वीररस में कविता पाठ किया..
ये धरती रण में दुश्मन का कोई अहसान नहीं रखती।
जुगनू की ड्योढ़ी झुक जाएं
ऐसे दिनमान नही रखती।
अंत मे कार्यक्रम में पद्मश्री सुरेंद्र शर्मा, अपने चिर-परिचित अंदाज में कविता पाठ किया..
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के अध्यक्ष उमाकांत लखेड़ा और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने अभिनेता और प्रसिद्ध एंकर अन्नू कपूर को एक लाख रुपये का चेक प्रदान किया, जो यह सम्मान प्राप्त करने के लिए मुंबई से आए थे।