प्रेस क्लब आफ इंडिया ने किया लोक सभा स्पीकर से पत्रकारों के लोक सभा प्रेस गैलरी पर प्रतिबन्ध हटाने की मांग
8 हजार से अधिक सदस्यों वाली दिल्ली में मीडियाकर्मियों की सबसे मजबूत और प्रतिष्ठित संस्था – प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को संबोधित एक पत्र के माध्यम से उनसे बड़ी संख्या में पत्रकारों का लोकसभा प्रेस गैलरी में प्रतिबंधित प्रवेश खोलने/ हटाने का आग्रह किया है।
पिछले कई दशकों से लोकसभा की कार्यवाही कवर करने वाले पत्रकारों जिनके पास स्थायी पास हैं को वर्ष २०२० से प्रेस गैलरी पास होने के बावजूद कार्यवाही को कवर करने के लिए प्रतिबंधित किया गया है।
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के प्रमुख उमाकांत लखेड़ा और महासचिव विनय कुमार ने कहा कि उन्होंने स्वीकार किया किया था कि घातक महामारी के मद्देनजर बजट सत्र 2020 के दौरान संसद कवर करने वाले पत्रकारों पर पूरी ईमानदारी के साथ प्रतिबंध लगाया गया था, लेकिन अब जब से यह खत्म हो गया है और सभी रेस्तरां, मॉल, सिनेमा हॉल, संस्थान, कार्यालय, कोर्ट, क्लब आदि खुल गए हैं और स्थिति पूरी तरह से आसान हो गई है, वहां पत्रकारों के इन प्रतिबंधों को जारी रखने का कोई ठोस कारण नहीं है, खासकर तब जब 28 मई को एक नए संसद भवन का उद्घाटन किया जा रहा है।
पीसीआई के पत्र में कहा गया है कि प्रेस क्लब ऑफ इंडिया सहित प्रेस संगठनों ने बार-बार आपसे अनुरोध किया है कि दशकों से संसद को कवर करने वाले पत्रकारों पर अनावश्यक प्रतिबंध हटा दें, लेकिन इन प्रतिबंधों को नहीं हटाने के लिए कोई तार्किक कारण नहीं बताया गया।
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि कई विपक्षी नेताओं ने सेंट्रल हॉल के साथ-साथ संसद में मीडियाकर्मियों पर इन प्रतिबंधों को तत्काल वापस लेने की लगातार मांग की है, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
पीसीआई ने कहा कि पिछले कई दशकों से पत्रकारों पर लोकसभा को कवर करने पर यह अतार्किक और अलोकतांत्रिक प्रतिबंध जनता के लिए महत्वपूर्ण सूचनाओं के प्रसार को बाधित करने के अलावा और कुछ नहीं है और यह जानने के उनके मौलिक संवैधानिक अधिकारों को बाधित करता है जो सीधे प्रेस की स्वतंत्रता को प्रभावित करता है और
संविधान के अनुच्छेद 19 में निहित है।
उपरोक्त कुछ चिंताओं के आलोक में – प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के प्रमुख उमाकांत लखेड़ा और महासचिव विनय कुमार ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से आग्रह किया था कि संसदीय कार्यवाही को कवर करने वाले पत्रकारों पर लगे प्रतिबंध को तुरंत हटा दिया जाए और औपचारिक रूप से उन्हें प्रेस गैलरी और संसद का केंद्रीय कक्ष की अनुमति दी जाए।
पत्र में कहा गया है कि हमें इस बात से अवगत कराया गया है कि नए संसदीय भवन में सेंट्रल हॉल नहीं है, जो हमारी राय में सांसदों और मीडियाकर्मियों के बीच अवरोध पैदा करने का जानबूझकर किया गया प्रयास प्रतीत होता है।
लोक सभा स्पीकर को सम्बोधित पीसीआई के पदाधिकारियों ने अपने ढाई पेज के पत्र के माध्यम से से अनुरोध करते हुए कहा कि संसद परिसर के भीतर मीडिया कर्मियों के लिए पूर्ण पहुंच की बहाली इन मूल्यों को बनाए रखने और एक जीवंत और सूचनात्मक नागरिकता और लोकतंत्र को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है।
सुनील नेगी , अध्यक्ष, उत्तराखंड पत्रकार फोरम