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प्रलय काल की आहट.?


SHYAM BHAI

विश्व के वैज्ञानिकों ने गंभीर चेतावनी दी है कि यदि हिमालय और गंगा को नहीं बचाया गया तो संसार में पर्यावरण संतुलन बिगड़ जाएगा। पर्यावरण विद और वैज्ञानिकों का कहना है कि हिमालय और गंगा के मौजूदा हालात बेहद चिंता जनक हैं।समय रहते संसार के मस्तक हिमालय पर्वत और मां गंगा को बचाए रखना भारत के साथ साथ संसार के कई देशों की सीधी जिम्मेदारी है।पर्यावरण में घुले प्रदूषण और हमारी लापरवाही से हिमालय के दरकने और गंगा के लगातार प्रभावित होने का सिलसिला थम नहीं रहा है।भारत के बड़े पर्यावरणधर्मी उत्तराखंड बीजेपी के विधायक श्री किशोर उपाध्याय हिमालय और गंगा को बचाने की मुहिम में जुटे हुए हैं उत्तराखंड में टिहरी मां गंगा का उदगम स्थल है। श्री किशोर टिहरी के ही विधायक हैं यहां मां गंगा को टिहरी के लोग अपनी बेटी मानते हैं।टिहरीव उत्तरकाशी के लोगों को किशोर जगाने में लगे हैं।लंबे समय से वे हिमालय और गंगा को बचाने के लिए जूझ रहे हैं।हिमालय और गंगा को समय रहते नहीं बचाया जा सका तो इससे न केवल भारत बल्कि अमेरिका, इंग्लैंड, जापान, सिंगापुर समेत अनेक देशों के समक्ष कुछ ही वर्षो बाद बड़ा संकट पैदा होने वाला है।वैज्ञानिक और चिंतक मानते हैं कि यह ग्लोबल वार्मिंग का खतरा प्रलय की आहट है।समय पर हम नहीं जागे तो एक दिन सब डूब जाएंगे।
मित्रों देश में इस साल पड़ी भीषण गर्मी ने सबको चौंका दिया है। हीट स्ट्रोक से मरने वालों के सही आंकड़े सामने आ जाएं तो प्रदेशों की सरकारों की चूलें हिल जाएं।गांव गांव में खासतौर पर बच्चों और बुर्जुगों को भीषण गरमीं ने लील लिया है।अब मूर्ख लोग यह बिल्कुल नहीं कहें कि श्याम भाई इसमें भी मोदी ही दोषी है।मित्रों मेरा स्पष्ट रूप से मानना है कि…
एक घटना से
नहीं बनती है कहानी
हर कहानी का
इतिहास होता है
पर्यावरण और प्रकृति के साथ हम लोग वर्षों से खिलवाड़ कर रहे हैं। जल जीव जंगल की कीमत नहीं समझ रहे हैं।कई लोगों ने मुझे हाल ही में कहा श्याम भाई कुछ पानी की समस्या पर भी लिखो.. यारों हम सिर्फ़ व्यवस्था और सरकारों के सिर पड़ कर इस समस्या का समाधान कभी नहीं कर सकते हैं. इसके लिए हम सब दोषी हैं और हमें अब सुधर ही जाना चाहिए वरना प्रकृति हमें खुद सुधार देगी।हम सरकारों को मंत्रियों और अफसरों को कोसते रह जाएंगे किसी का कुछ नहीं बिगड़ेगा और एक दिन प्राकृतिक आपदाओं के चलते सबका जीवन सेकिंडों में ही नष्ट हो जाएगा।यहां यह बात सही है कि….
लम्हों ने खता की और
सदियों ने सजा पाई लेकिन खता करने के हमारे लम्हें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं लगातार जल जंगल जीव और जवानी के हम बैरी हो गए हैं। जरूरत नहीं होने पर भी सनातनी हिंदू बेशर्म होकर जीव हत्या कर रहे हैं मांस भक्षण करने को स्टेटस सिंबल समझ बैठे हैं।कोई कहता है कि हम अपने सबसे प्रिय जीव की बलि देकर आका को खुश करते हैं अरे पापियों कुछ मिनटों पहले खरीदे गए बेजुबान जानवरो, बकरों की बलि प्रिय जीव की बलि कैसे हो सकती है?और इससे आका की खुशी का क्या ताल्लुक?मुआ हिम्मत है तो अपनी प्रिय औलादों की बलि देकर देखो।हराम खोरों ने पेड़ पौधे नष्ट कर दिए हैं पहाड़ों को खा गए हैं।नदी नालों और जल श्रोतों पर कब्ज़ा कर लिया है।अपने फायदे के लिए गौ माता की बात जरूर करते हैं पर उसकी रक्षा और पालन पोषण कभी नहीं करते।फिर कहते हैं कि श्याम भाई पानी की समस्या है यार कुछ लिखो।
दोस्तों देश में पर्यावरण संतुलन की जिम्मेदारी राजस्थान के अलवर जिले के कंधों पर आई है।देश के वन और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव अलवर से ही सासंद चुने गए हैं। प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र भाई मोदी ने उन्हें संसार को बचाने वाला अहम मंत्रालय दिया है। राजस्थान का अलवर जिला वैसे भी एनसीआर क्षेत्र का ऑक्सीजन सिलेंडर कहा जाता है।वह इसलिए कि यहां विश्व प्रसिद्ध सरिस्का अभयारण्य है सबसे लंबी अरावली पर्वतमाला है।मुझे यह जानकर बड़ी खुशी हुई है कि केंद्रीय मंत्री यादव ने चार्ज संभालते ही पर्यावरण संरक्षण और ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए काम शुरू कर दिया है।भारतीय प्रशासनिक सेवा के मेहनती और कर्मठ अधिकारी श्री तन्मय कुमार एनसीआर में आने वाले जिलों में बड़े पैमाने पर प्रदूषण नियंत्रण और पर्यावरण संरक्षण की कार्ययोजना को मूर्त रुप देने के लिए अलवर में डेरा जमाए हुए हैं। श्री कुमार केंद्र सरकार में इस महकमें के बड़े अधिकारी भी हैं। वे पच्चीस साल पहले अलवर के सफल कलक्टर भी रह चुके हैं सरिस्का अभयारण्य और अरावली पर्वतमाला को और अधिक हरा भरा करने व जल जंगल और जमीन को बचाने के लिए अधिकारियों और जानकारों से राय मशविरा कर रहे हैं।श्री तन्मय की नौकरी का बचपन बाबा भरथरी की पवित्र पावन तपोस्थली में बीता है मैने उनके उस सफल कार्यकाल को बेहद करीब से देखा है।राम राम करने से पहले मित्रों आज इतना ही कि….
आम के आम
गुठलियों के दाम वाली कहावत यहां चरितार्थ हो गई है देश के वन और पर्यावरण मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव हैं और उनके विभाग के सचिव श्री तन्मय कुमार हैं दोनों का अलवर से गहरा रिश्ता है।दोनों की तन्मयता सरिस्का अभयारण्य और अरावली पर्वतमाला के साथ साथ हिमालय और मां गंगा को बचाए रखने में सफल होगी ऐसी मेरी शुभ कामनाएं हैं।इसी से न केवल भारत बचेगा बल्कि अनेक देशों को भी जीवन मिल सकेगा भारत को विश्व गुरु बनाने में वन और पर्यावरण का अहम रोल होगा।
राम राम सा
🙏 श्याम भाई 🙏

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