पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का ‘कीर्तिमान’: छोटे कार्यकाल में 22,340 पद

उत्तराखंड की राजनीति में अक्सर कार्यकाल की अवधि पर चर्चा होती है, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का छोटा कार्यकाल भी अपनी बड़ी उपलब्धियों के कारण चर्चा में है। उनके अल्प मुख्यमंत्रीत्व काल में लिए गए कुछ महत्वपूर्ण निर्णयों का लाभ आज भी राज्य के युवाओं और नागरिकों को मिल रहा है।
तीरथ सिंह रावत के नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार ने विभिन्न विभागों में 22,340 नए पदों का सृजन किया था। यह अपने आप में एक कीर्तिमान है। शिक्षा, स्वास्थ्य, पुलिस और अन्य प्रशासनिक क्षेत्रों में इतनी बड़ी संख्या में पदों का सृजन राज्य में पहली बार हुआ था।
वर्तमान में, युवा और कर्मठ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार इन सृजित पदों को भरने की प्रक्रिया को गति प्रदान कर रही है, जिससे राज्य के हजारों युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खुले हैं। सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह पद-सृजन उत्तराखंड के युवाओं को सरकारी सेवा में लाने के लिए एक ठोस आधार प्रदान करता है।
तीरथ सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान राज्य के नागरिकों को बड़ी राहत देते हुए 2000 करोड़ रुपये के कोविड राहत पैकेज की घोषणा की थी। यह पैकेज राज्य के विभिन्न वर्गों के लोगों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए था। वर्तमान उत्तराखंड सरकार ने इस पैकेज को सफलतापूर्वक सभी लाभार्थियों तक वितरित किया है।
इसके अलावा, संकटग्रस्त बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना ‘वात्सल्य’ भी तीरथ सिंह रावत के कार्यकाल में ही लागू की गई थी। इस योजना के तहत, कोविड-19 महामारी के कारण अपने माता-पिता या अभिभावकों को खोने वाले बच्चों को आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जाती है। इस जनहितैषी योजना का लाभ वर्तमान में सैकड़ों लाभार्थियों को मिल रहा है, जिससे उनका भविष्य सुरक्षित हो सका है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तीरथ सिंह रावत ने कम समय में ही प्रशासनिक और जन-कल्याणकारी योजनाओं के क्षेत्र में एक मजबूत छाप छोड़ी है, जिसकी नींव पर वर्तमान सरकार विकास कार्यों को आगे बढ़ा रही है।