पूर्व प्रधानमंत्री , भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी को स्मरण किया उनके जन्मोत्सव के मौके पर / कई सम्मानित
सी एम पपनैं
भारतरत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मतिथि पर कांस्टीट्यूशन क्लब में, ’आत्म निर्भर होता भारत’ विषय पर विचार गोष्ठी व ’अटल कर्मवीर सम्मान-2022’ का भव्य आयोजन किया गया। इसमें समाजसेवी व उद्यमी के सी पांडे की अध्यक्षता व मुख्य अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड व सांसद पौडी गढ़वाल तीरथ सिंह रावत तथा विशिष्ट अतिथि पूर्व उत्तराखंड राज्य सरकार दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री पूरन चंद्र नैनवाल, उद्योग जगत से जुडे टी सी उप्रेती व सुरेश पांडे, गढ़वाल हितैषणी सभा व राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सांस्कृतिक संस्था पर्वतीय कला केन्द्र दिल्ली अध्यक्ष क्रमशः अजय सिंह बिष्ट व चंद्र मोहन पपनैं, डीपीएमआई चेयरमैन डॉ विनोद बछेती तथा महेश चंद्रा सेवानिवृत वाणिज्य महानिदेशक भारत सरकार, मंचासीनों की गरिमामयी उपस्थित में आयोजित किया गया।
आयोजित विचार गोष्ठी व सम्मान समारोह का श्रीगणेश मुख्य व विशिष्ट अतिथियों के कर कमलो दीप प्रज्ज्वलित कर व लोकगायिका मधु बेरिया साह तथा किरन लखेडा द्वारा प्रस्तुत कुमांउनी व गढ़वाली बोली-भाषा मंगलगान से तथा आयोजक मुख्य संपादक अमर संदेश अमर चंद व निम्मी ठाकुर द्वारा मंचासीन मुख्य व विशिष्ट अतिथियां का स्वागत अभिनंदन शाल ओढा, पुष्पगुच्छ व स्मृति चिन्ह भेंट कर किया गया तथा मंचासीन मुख्य व विशिष्ट अतिथियों, अटल कर्मवीर सम्मान से सम्मानित किए जा रहे सभी कर्मवीरों, आयोजित विचार गोष्ठी के सभी अतिथि वक्ताओ के साथ-साथ सभागार में बडी संख्या मे उपस्थिति शिक्षाविदो, पत्रकारों, साहित्यकारों, फिल्म, रंगमंच, लोककला, लोकगायन व जनसमाज के विभिन्न जनसरोकारो से जुडे कर्मठ प्रबुद्ध जनों का समारोह में उपस्थिति होने हेतु आभार व्यक्त किया गया।
वक्ताओ द्वारा व्यक्त किया गया, कोरोना महामारी के बाद देश की आर्थिक स्थिति कमजोर हुई है। भारत के उत्पादो की मांग बाहरी देशो मे बढी है, जो सिद्ध करती है, भारतीय उत्पादों की मांग है। छोटी-छोटी चीजो का उत्पाद कर, उनको प्रोत्साहन दे, रोजगार को बढ़ाया जा सकता है। भारत और अधिक आत्मनिर्भर बन सकता है। आत्मनिर्भर बनना एक बात है, आत्म संतुष्टि मुख्य है।
आत्म संतुष्टि के साथ काम करने पर सबसे बडी संतुष्टि व सकून मिलता है। आत्मनिर्भर बनने की ठान ही ली है, तो स्वयं की कार्ययोजना बना कर, आत्मनिर्भर बना जा सकता है। व्यक्त किया गया, लोग आपस में जुड़ नहीं पाते। जाति, धर्म व राजनीति के नाम पर बिखरे हुए हैं। जो हो रहा है, उसके बावत सोचना जरूरी है। हमे वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है। हम सब एक जुट हो, अपने साधनों को जोड़ कर चले।
महिलाएं आज जब सुरक्षित नहीं हैं ऐसे मे भारत को आत्मनिर्भर कैसे माना जा सकता है? महिलाआें के सशक्तिकरण पर ध्यान देकर ही भारत आत्मनिर्भर हो पायेगा। वक्ताओ द्वारा कहा गया, क्या वैचारिक रूप से भारत आत्म निर्भर है? सोचने की जरूरत है। अटल जी ने भाषा आंदोलन में भाग लिया था। भाषा के मामले मे आज भी हम गुलाम हैं। अटल जी ने ही उत्तराखंड आंदोलन को साकार किया था।
आयोजन मुख्य अतिथि, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व पौडी सांसद तीरथ सिंह रावत द्वारा व्यक्त किया गया, संसद में मात्र दो सांसदों की संख्या पर सिमट जाने के बाद अटल जी सबसे पहले उत्तराखंड दौरे पर आऐ थे। आज उनकी पार्टी पूर्ण बहुमत से संसद में बैठी है। अटल जी कहते थे राष्ट्र पहले है, नेता बाद में। यह भाव लेकर अटल जी ने के नेतृत्व मे जनजागरण हुआ था। अटल जी थ्रीटायर मे रेल सफर किया करते थे, चाहते तो एसी रेल कोच मे सफर कर सकते थे। आज अनुकूल वातावरण है तो अटल जी का इसमे बड़ा योगदान रहा है।
अटल जी के संघर्ष के बल ही पार्टी आज यहां तक पहुच पाई है। आज मोदी जी उसी संघर्षशील पार्टी का नेतृत्व कर देश व देश के जनमानस को आत्मनिर्भर बना रहे हैं। आज उत्तराखंड के जन सब जगह छाए हुए हैं। जी20 की अध्यक्षता भारत मोदी जी के नेतृत्व मे कर रहा है, जो गौरव की बात है। उत्तराखंड को भी जी20 के दो कार्यक्रम मिलना गौरव की बात है।
इस अवसर पर उद्योग जगत से जुडे सुरेश पांडे द्वारा प्रोड्यूश, उत्तराखंड के परिवेश पर बनी फिल्म ’केदार’ के पोस्टर का लोकार्पण पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड तीरथ सिंह रावत, के सी पांडे व अन्य मंचासीनों के कर कमलां किया गया। विचार गोष्ठी व सम्मान समारोह कार्यक्रम के समापन की घोषणा से पूर्व मुख्य आयोजक अमर चंद द्वारा न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी, भारतीय जीवन बीमा निगम, पावर फाइनेंस कारपोरेशन लिमिटेड, एसकेपी प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड, भारत भूमि ट्रस्ट इत्यादि कम्पनियां व संस्थाओं का आयोजन हेतु आर्थिक व अन्य सहयोग देने पर आभार व्यक्त किया गया। सभागार में उपस्थित सभी अतिथियों, सम्मानितों, पत्रकारों व प्रबुद्धजनो का भी बडी संख्या में उपस्थित होने हेतु आभार व्यक्त किया गया। सम्मान समारोह का मंच संचालन उत्तराखंड रंगमंच व फिल्म जगत के सु-विख्यात अभिनेता वृजमोहन वेदवाल द्वारा बखूबी किया गया।