पुरोला विधायक ने लोक निर्माण विभाग पर लगाए गंभीर आरोप। सरकार सवालों के घेरे में।


विभागीय मंत्री सतपाल महराज ने खुद के विभाग के अधिकारी पर किया था मुकदमा दर्ज।
सरकार सवालों के घेरे में।
उत्तराखंड के लोकनिर्माण विभाग के मंत्री सतपाल महराज जी ने अपने विभाग के हेड ऑफ डिपारमेंट पर उनके जाली डिजिटल हस्ताक्षर के माध्यम से पदोनति पाने के गंभीर आरोप ही नही लगाए अपितु उनके जन संपर्क अधिकारी ने देहरादून में उनके खिलाफ पुलिस में फर्जीवाड़ा करने का केस भी दर्ज करवाया जिस के बाद अयाज अहमद ने कोर्ट से अग्रिम जमानत ले ली।
सतपाल महराज जी के निजी सचिव आईपी सिंह ने कुछ फाइलो के साथ मंत्री महोदय को बिना फाइल दिखाए अयाज अहमद वाली फाइल में मंत्री महोदय के डिजिटल सिग्नेचर कर मुख्य सचिव को भेज दी आनन फानन में अयाज अहमद को प्रोनति दी गई जब मंत्री महोदय को यह बात पता चली तो उन्होंने मुख्यमंत्री को इस संबंध में जानकारी दी इसके लिए एक कमेटी का गठन किया गया जिसमे उन्हे साफ पाक करार दिया गया लेकिन मंत्री महोदय इस जांच से संतुष्ट नहीं हुए जिसके बाद एक और समिति गठित की गई लेकिन लगभग तीन महीने गुजर जाने के बाद भी जब उन पर कोई कदम मुख्यमंत्री द्वारा नही लिया गया तो मंत्री महोदय ने कहा उन्हे इस जांच समिति पर भरोसा नही है और उनके जन संपर्क अधिकारी रतूड़ी ने पुलिस थाने में उनके खिलाफ केस दर्ज कर दिया।
वास्तव में इस मंत्रालय में भ्रष्टाचार चरम सीमा में है अधिकारी बेलगाम है विभाग के बड़े२अधिकारियो की मिली भगत से करोड़ों के घपले घोटाले इस विभाग में होते है विभागीय मंत्री सतपाल महराज जी मुख्यमंत्री से अधिकारियो की गोपनीय रिपोर्ट लिखने का अधिकार विभागीय मंत्री से मांग लगातार कर रहे है लेकिन इसे अनसुना किया जाता रहा है।
अब पुरोला के विधायक ने भी लोकनिर्माण विभाग के अधिकारियों पर मिली भगत कर लगाकर फर्जी वाडे करने का आरोप लगाया है जिससे मंत्री महोदय का इस बात को बल मिलता है कि उनके फर्जी डिजिटल सिग्नेचर कर पदोन्नती अयाज अहमद को दी गई जिन पर एक महिला कर्मी ने गंभीर उत्पीड़न के आरोप लगाए थे जिसके कारण विभागीय मंत्री उन्हे पदौन्नती नही देना चाहते थे अब मुख्य मंत्री धामी द्वारा संबधित अधिकारी पर किसी तरह की कार्यवाही न करने से सरकार सवालों के घेरे में है।

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