नशे की संकरी गलियों से कब निजात मिलेगी हमारे युवाओं को ?
देश के विभिन्न हिस्सों में व्यापक स्तर पर फैल रहे ड्रग्स के कारोबार ने युवा पीढ़ियों को दिन ब दिन अपने जाल में जकड कर इस कदर मानसिक और शारीरिक रूप से शिथिल और कमजोर कर दिया है की आने वाली पीढ़ियों के लिए ये ज़हर एक बहुत बड़ा खतरा बनते जा रहा है.
ऐसा नहीं है की युवाओं में लग रही नशे की इस लत का अध्याय को nया है बल्कि इस कारोबार का राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्थर पर अच्छा ख़ासा दबदबा है.
यहाँ तक की अमेरिका जैसी सुपर पावर भी इस भयंकर रोग से अछूता नहीं रह पायी जहाँ कुछ दशक पूर्व अरबों का गैरकानूनी कारोबार होता था मेक्सिको से. इस कारोबार के बेरोकटोक चलते इस पर कई फ़िल्में बनीं और टेलीविज़न सीरियल और डॉक्यूमेंट्री भी.
नए नए सख्त क़ानून भी बने. भारत का नरकटरोफिक ड्रग्स एंड सैकोट्रोफिक सब्स्टांसेस एक्ट की भी विभिन धाराओं के तहत इस नशे के अवैध कारोबार में लिप्त अपराधियों के लिए आजीवन कारावास जैसी सख्त सजा का भी प्रावधान है.
लेकिन बावजूद इस हकीकत के, भारत में नशे का ये कारोबार आज भी बदस्तूर jaरी है. इस नशे के कारोबार की बेतहाशा आमदनी के चलते इसके तार सीधे सीधे आतंकवाद और व्यापक पैमाने पर अवैध हथियारों की तस्करी से भी जुड़े हैं जिनका एक मात्र मकसद है, देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर करना , यहाँ अस्थिरता और अव्यवस्था फैलाना, आतंकवादी गतिविधियों को हवा देना , दंगे फैलाना, धमाके करना और देश की रीढ़ को कमजोर करना.
भारत सरकार इस दिशा में पूरी शक्ति और तन्मयता के साथ देश के इन दुश्मनो से निपट रही है. चाहे वह भारतीय सेना हो, इंडियन कोस्ट गार्ड हो, नारकोटिक्स कण्ट्रोल ब्यूरो हो, राज्यों की पुलिस हो, मीडिया हो या ही सर्कार की अन्य एजेंसियां.
सभी आपस में तालमेल बिठाकर इस दिशा में इन देश विरोधी तत्वों से पूरा लोहा ले रहे हैं और बड़ी माtra में इस गैरकानूनी जहर और इनकी तस्करी करने बाले देसी और विदेशी स्मगलर्स को क़ानून के शिकंजे में ला रही है.
लेकिन दुर्भाग्यवश ये ज़हर आज भी देश के महानगरों , शहरों , झुग्गी झौंपड़ी बस्तियों , शिक्षण संस्थाओं आदि स्थानों में बेरोकटोक बिक रहा है और हमारी युवा पीडियों को बर्बादी के कगार तक पहुंचा रहा है.
एक ज़माना था जब ये जहर अमीरों के बच्चों का महंगा शौक हुआ करता था लेकिन अब ये लत अमीरों के मुहाने से स्कूल कालेज के छात्रों और झुग्गी झोपड़ी बस्तियों तक पहुँच चुकी है. देश के छोटे बड़े शहरों के नाईट क्लब्स , युवाओं की पार्टीज जिन्हे रेव पार्टीज कहा जाता है, अब इस बीमारी से अन्छुये नहीं रह गए हैं जहाँ आये दिन छापे पढ़ते रहते हैं.
मुंबई शहर और दिल्ली भी इससे अब अनछुई नहीं है, न पहले ही थी. हाल ही दिनों में खासकर शुशांत सिंह राजपूत एक्टर की मौत के बाद तो जैसे मुंबई महानगरी और बोलीवुड में मानो इस जहर की बाढ़ ही आ गयी, जहाँ नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के काबिल अधिकारीयों ने कई फ़िल्मी हस्तियों और ड्रग्स स्मगलर्स को क़ानून के शिकंजे में कसा.
यहाँ एक फ़िल्मी शख्सियत शाहरुख़ खान के बेटे को भी नहीं बक्शा. देश की आर्थिक सामाजिक रीढ़ को कमजोर कर रहे इस नशे के जहर को देश के कोने कोने में पहुंचाने के पीछे देश का दुश्मन नंबर एक पाकिस्तान वर्षो से इस खेल के पीछे है जो यहाँ ड्रग्स , गैरकानूनी हथियार, फेक करेंसी के व्यापक जाल के जरिये न सिर्फ देश की अर्थव्यस्था युवा पीढ़ी और राष्ट्रीय अखंडता को छिन्न भिन्न करना चाहता बल्कि कश्मीर में भी अव्यवस्था और आतंकवासदी घटनाओं को अंजाम देकर कश्मीर मुद्दे को अंतर्राट्रीय फलक पर ज़िंदा रखना चाहता है.
पिछले कई दशक से ईरान, अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान से पंजाब और गुजरात के समुद्र के रास्ते भारी भरकम कई किलो का ये जहर भारत लाया जाता रहा है, यहाँ के विभिन्न राज्यों और बाहरी देश के कोने कोने में पहुंचाकर हज़ारों हज़ार करोड़ रुपयों का लाभ कमाया जा रहा है यही नहीं बल्कि भारत को कंडयुट अनकर यहाँ से अफ्रीकन कन्ट्रीज में इसकी तस्करी की जा रही है.
ये ड्रग्स का गैर कानूनी व्यापार देश के विभिन राज्यों में किस तेजी से फल फूल रहा है और इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चंद दिनो भीतर ही पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान से पंजाब अत्तारी अमृतसर , झकाउ कोस्ट और कांडला गुजरात से १०२ किलोग्राम, ५६ और २०५.६ किलोग्राम हेरोइन जिसकी क्रमशः अंतराष्ट्रीय कीमत लगभग २०४ करोड़ २८० करोड़ और १४३९ करोड़ रूपये थी जब्त की गयी.
यानी इन तीनो सीज़र्स में इनकी कुल अंतराष्ट्रीय कीमत लगभग १८०० करोड़ रुपये आंकी गयी.
लेटेस्ट समाचारों के मुताबिक पंजाब अत्तारी बॉर्डर, अमृतसर में कस्टम्स डिपार्टमेंट ने जो १०२ किलोग्राम अवैध हेरोइन पकड़ी वह अफ़ग़ानिस्तान से इम्पोर्ट की गयी थी. ये इलीगल ड्रग कंसाइनमेंट मजारे शरीफ अफ़ग़ानिस्तान से डेल्ही की एक कंपनी ने मंगायी थी जिसका मालिक कोई अरुण मित्तल को गिरफ्तार किया जा चूका है.
यानी ये नशीली दवाओं के तस्करी का सिलसिला न जाने कब से बेरोकटोक चल रहा था.
इसी प्रकार इंडियन कोस्ट गार्ड द्वारा पकड़ी गयी एक ५६ किलोग्राम की बड़ी खेप में जाखौ कोस्ट गुजरात में इंडियन कोस्ट गार्ड के सक्रीय एवं चुस्त स्टाफ ने पाकिस्तान के नौ ड्रग्स तस्करों को भी गिरफ्तार किया है जिनपर उन्हें गोली चलानी पड़ी और काफी कोशिशों के बाद कामयाबी मिली.
इंडियन कोस्ट गार्ड द्वारा जारी बयान के मुताबिक ये पूरा ऑपरेशन इंडियन कोस्ट गार्ड और गुजरात एंटी टेररिस्ट टास्क फाॅर्स द्वारा संपन्न किया गया.
जानकारी के मुताबिक नारकॉटिक्स कंट्रोल ब्यूरो नार्थ इंडिया के विभिन्न ठिकानों पर छानबीन कर रहा है ताकि इस गोरख धंदे में लिप्त किंगपिन को पकड़ा जा सके.
इंडियन कोस्ट गार्ड के मुताबिक पिछले कुछ सालों में ये देखा गया है की गुजरात इन ड्रग्स स्मग्लरों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण हब बन चूका है.
न सिर्फ यहाँ से ड्रग्स उत्तर भारत के ठिकानों तक आसानी से पहुंचाई जा सके बल्कि विदेशो को भी यहाँ से माल उतारकर विभिन्न साधनों से स्मगल किया जाता है. २०१९ से बी तक करीब २५००० करोड़ रुपयों के अवैध ड्रग्स जब्त की जा चुकी है १६०० लम्बी कोस्ट लाइन पर कहती है इंडियन कोस्ट गार्ड है की स्टेटमेंट. पिछले सितंबर महीने में लगभग ३००० किलो मुंद्रा पोर्ट से जब्त की गयी थी जिसकी अंतराष्ट्रीय बाजार में कीमत २१००० रुपये के आस पास आंकी गयी.
Drug addiction is harmful to our fitness. Anyhow, we have to overcome it.