धारा 144 को लेकर भाजपा और दूसरे दलों में भेदभाव करने को लेकर यूकेडी ने उठाए सवाल
उत्तराखंड क्रांति दल ने धारा 144 लागू करने को लेकर भाजपा संगठन और दूसरे विपक्षी दलों तथा बेरोजगार संगठनों के बीच भेदभाव करने को लेकर सवाल खड़े किए हैं यूकेडी नेता शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि पिछले दिनों बेरोजगारों के खिलाफ लाठीचार्ज को लेकर मुख्य विपक्षी दलों और बेरोजगार युवाओं ने सचिवालय और मुख्यमंत्री आवास का कूच किया तो उन पर पुलिस ने तत्काल धारा 144 के तहत मुकदमे दर्ज कर दिए लेकिन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने नगर में शोभायात्रा निकाली तो उन पर 144 की धारा लागू नही की गयी।
दूसरे दिन भाजपा ने नकल विरोधी कानून के समर्थन में रैली निकाली तो उसमें भी बड़ी भीड़ होने के बावजूद धारा 144 लागू नहीं की गई जबकि उसमें सरकार के मंत्री भी शामिल थे।
सेमवाल ने सवाल उठाया कि यह कैसी धारा है जो विपक्षी दलों पर ही लगती है, भाजपाइयों पर नहीं।
दरअसल एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने देहरादून मे एमकेपी से तहसील चौक, दर्शन लाल चौक से लेकर दीनदयाल पार्क होकर शोभायात्रा निकाली थी।
यह शोभायात्रा दून हॉस्पिटल के सामने सड़क पर खुले सत्र के साथ पूरी हुई ।
इसके लिए बाकायदा सड़क को दोनों से बंद रखा गया था और पार्किंग भी हटा दी गई।
अब यूकेडी सवाल उठा रही हैं कि इसी दिन विपक्षी दलों ने रैली निकाली तो उन पर धारा 144 लग गई। लेकिन भाजपा के विद्यार्थी परिषद और फिर भाजपा संगठन ने बाकायदा मंत्री की मौजूदगी में जो रैली निकाली तो उन पर धारा 144 तो दूर की बात बाकायदा उनको रैली निकालने में सहायता की गई।
यूकेडी ने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार जनता की आवाज को दबाना चाहती है और धारा 144 का दुरुपयोग लोकतंत्र की आवाज को खत्म करने के लिए कर रही है।