धरती को बचाने के साथ समाज में हो रही हिंसक प्रवृत्तियों पर रोक लगाने हेतु एक सुदृढ़ सामाजिक व्यवस्था बनाने पर जोर दिया जोशी जी ने
संस्कृतिविद, चिन्तक, वरिष्ठ राजनेता, शिक्षाविद,पूर्व केंद्रीय मंत्री, पद्म विभूषण से सम्मानित आदरणीय डॉ.मुरली मनोहर जोशी जी का जन्मदिन उनके निवास स्थान 06 रायसीना रोड,नई दिल्ली में 5 जनवरी को भव्य रूप में मनाया गया।यह उनका 89 वां जन्मदिवस रहा जिसके लिए देश के प्रधानमंत्री माननीय मोदी जी,उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी सहित विभिन्न माध्यमों से उन्हें शुभकामनाएं प्रेषित की गईं।
रायसीना रोड,नई दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम के आयोजक राष्ट्रोक्ति,पर्वतीय लोक विकास समिति,हिम उत्तरायणी पत्रिका,भारत संस्कृत परिषद एवम डॉ जोशी अभिनंदन समिति रही।
इस अवसर पर शुभारंभ में संस्कृतवेत्ता एवम दूरदर्शन के संस्कृत समाचार वाचक डॉ. बलदेवानंद सागर द्वारा मंगलाचरण एवम केदारखंड,मानसखंड ग्रंथ लेखिका डॉ. हेमा उनियाल द्वारा संस्कृत सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई।
इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत कई गणमान्यजनों की उपस्थिति रही जिनमें उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय ,हरिद्वार के पूर्व उप कुलपति प्रो.देवी प्रसाद त्रिपाठी सहित डॉ.वेद प्रताप वैदिक, डॉ उपेंद्र नाथ रैना, डॉ जीतराम भट्ट, प्रो. रवींद्र कुमार गुप्ता, प्रो.सुषमा चौधरी, पूर्व सांसद श्री जीवन शर्मा,उत्तराखंड भाजपा के अध्यक्ष श्री महेंद्र भट्ट,सांसद श्री नरेश बंसल,पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद श्री अजय टमटा,टिहरी की सांसद श्रीमती माला राज्यलक्ष्मी शाह,नेत्री श्रीमती दीप्ति रावत,पूर्व निगम पार्षद श्री हरीश अवस्थी,श्री जगदीश ममगाई, आयोजन समिति से जुड़े श्री विजय शर्मा,सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती प्रेमा धौनी,राखी बिष्ट,वरिष्ठ पत्रकार श्री सुनील नेगी, सी एम पपने, प्रदीप बेदवाल, पवन मैठाणी,विवेक पटवाल आदि सहित अनेक जन उपस्थित रहे।
डॉ जोशी जी ने अपने वक्तव्य में धरती को बचाने के साथ समाज में हो रही हिंसक प्रवृत्तियों पर रोक लगाने,एक सुदृढ़ सामाजिक व्यवस्था बनाए जाने पर अपनी बात रखी।
इस दौरान डॉ.जोशी अपने पूरे परिवार सहित समारोह में उपस्थित रहे।कुछ गणमान्य जनों को इस अवसर पर डॉ मुरली मनोहर जोशी जी के हाथों सम्मानित भी किया गया।
इस अवसर पर उत्तराखंडी ढोल, दमऊ वादन के साथ दोपहर पहाड़ी भोजन का भी लोगों ने आनंद लिया।
इस भव्य कार्यक्रम के निवेदक,मुख्य आयोजक श्री वीरेन्द्र दत्त सेमवाल जी ने एक अनौपचारिक बातचीत के दौरान कहा कि बड़ों का जब हम सम्मान करते हैं तो आगे की पीढ़ियों के लिए वरदान/ आशीर्वाद स्वरूप वह मिलता जाता है,जहां कोई लालसा नहीं होती।एक आदर- सम्मान ,श्रद्धा और अनुपम स्नेह होता है।यहां पर यह जन्मदिन समारोह राजनीति से कोसों दूर था।जब अनेक प्रबुद्ध जन डॉ जोशी जी के जन्मदिवस के शुभ अवसर पर उन्हें अपनी शुभ कामनाएं पुष्प गुच्छ आदि भेंट कर प्रदान कर रहे थे।इस लेखिका द्वारा भी “मानसखंड”ग्रंथ इस अवसर पर श्रद्धापूर्वक डॉ.जोशी जी को भेंट किया गया जिसपर एक संक्षिप्त बातचीत भी संभव हुई।
संयोजक ,संस्कृत के विद्वान श्री सूर्य प्रकाश सेमवाल द्वारा बखूबी इस कार्यक्रम का संयोजन और संचालन किया गया।
डॉ. हेमा उनियाल
(ग्रंथकार: केदारखंड,मानसखंड)