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Uttrakhand

देहरादून में लोकतंत्र एवं संविधान को खत्म करने और विरोधी दलों के नेताओं व कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न के प्रश्न पर “विचार मंथन” के लिए एक सर्वपक्षीय बैठक आयोजित

देहरादून में लोकतंत्र एवं संविधान को खत्म करने और विरोधी दलों के नेताओं व कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न के प्रश्न पर “विचार मंथन” के लिए एक सर्वपक्षीय बैठक की गई। इस बैठक में कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड हरीश रावत और सुरेन्द्र कुमार अग्रवाल, उत्तराखंड क्रांति दल के नेता काशी सिंह ऐरी, वरिष्ठ नौकरशाह व सामाजिक कार्यकर्ता सुरेन्द्र सिंह पाँगती, गांधीवादी नेता हरवीर कुशवा, श्री विजय शुक्ला, वीरेंद्र त्यागी, कम्युनिस्ट पार्टी के समर भंडारी, रवींद्र जगी, संजय मल्ल, समाजवादी पार्टी के डॉ. एस एन सचान, सीपीएम कामरेड सुरेंद्र सजवाण, राष्ट्रवादी पार्टी नवनीत गुसाईं, जेडीएस से हरजिंदर सिंह, जेडीयू, तृणमूल कांग्रेस से राकेश पंत, प्रसिद्ध आंदोलनकारी श्रीमती निर्मला बिष्ट, ट्रेड यूनियन के नेता जगदीश कुकरेती एवं विभिन्न सामाजिक संगठन से जुड़े हुए लोगों ने भागीदारी की। सबने एक स्वर से षड्यंत्र पूर्व तरीके से राहुल गांधी कांग्रेस नेता को लक्ष्य बनाकर उनको मानहानि के केस में फसाने, उनकी सदस्यता रद्द करने के कुप्रयास की भर्त्सना की, सभी लोगों ने इस बात पर गंभीर चिंता प्रकट की कि जनता के सवालों को उठाने वाले प्रत्येक विरोध व असहमति के स्वरों को कुचला जा रहा है। ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स, आईबी और पुलिस का दुरुपयोग कर भय और आतंक का वातावरण खड़ा कर दिया गया है। सामाजिक जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में भय का वातावरण व्याप्त है। संवैधानिक और अर्धसंवैधानिक संस्थाओं पर एक संगठन विशेष का प्रभुत्व बनाया जा रहा है। गौतम अडानी जो राष्ट्रीय संपत्ति, इस शोषण के बल पर दुनिया के नंबर दो के धनाढ्य बने हैं उनसे संबंधित आर्थिक अनिमियताओं को उजागर करने से रोकने के लिए ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता समाप्त की गई है। सभा में इस बात की भी गंभीर चिंता प्रकट की गई कि देश की बहुदलीय संसदीय प्रणाली को समाप्त कर एक दलीय तानाशाही को थोपने का कुप्रयास किया जा रहा है। बैठक में यह निर्णिय लिए गया कि राज्य के अंदर कार्यरत जनसंगठनों, राजनीतिक दलों व आंदोलनकारियों को एकजुट कर वर्तमान निरंकुश सरकार के खिलाफ जनता को संगठित किया जाएगा और इस हेतु 14 अप्रैल को देहरादून में भारत के संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर “लोकतंत्र बचाओ-संविधान बचाओ दिवस” पर एक जन उद्घोष सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।

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