दिल्ली व् उत्तराखंड के सामाजिक कार्यकर्ताओं और संगठनों की मांग : केंद्रीय नेतृत्व उत्तराखंड से इस मर्तबा दिल्ली में उत्तरायिनी को लाने वाले और उत्तराखंड समाज में अत्यंत लोकप्रिय और सम्मानित नेता डॉ. सूर्य प्रकाश सेमवाल को राज्य सभा से पार्टी का अधिकृत प्रयाशी बनाये.
उत्तराखंड राज्य स्थापना के सवा दो दशक की दहलीज पर है,अप्रत्याशित रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर भाजपा सत्ता में लौटी है । चुनाव आयोग द्वारा घोषित राज्यसभा चुनावों में उत्तराखंड से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा की सीट खाली हो रही है,लगभग चार दर्जन विधायकों वाली भाजपा की एकतरफा जीत तय है। राज्यसभा की इस सीट के लिए दावेदार या पैनल तो हमेशा जैसा ही होगा लेकिन चर्चा है कि भाजपा नेतृत्व ऊपरी सदन के लिए किसी शिक्षित और सक्रिय प्रत्याशी को ही आगे बढ़ाएगा।
चाहे दल कोई भी हो अक्सर यही देखा गया है की ऊंची पहुँच वाले आर्थिक दृष्टि से अत्यधिक सम्पन्न लोगों को ही प्राथमिकता दी जाती है ऐसे चुनाव में, लेकिन पार्टी के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन लगाने वाले ख़ासा पढ़े लिखे, अनुभवी और पार्टी की लाइन का हमेश आदर करते हुए समाजसेवा में संलग्न कार्यकर्ताओं की अंदेखी ही की जाती रही है जबकि सच्चाई ये है की कई गरिमापूर्ण काफी शिक्षित , पार्टी के लिए आजीवन समर्पित कई कार्यकर्ता जिनमे पत्रकारिता, लेखन , के साथ साथ अकूत संगठनात्मक क्षमता भी है, राज्यसभा जैसे अवसर हमेशा खो देते हौं क्योंकि उनके जमीन से जुड़े होने के बावजूद उनका कोई गॉड फादर नहीं होता.
दिल्ली व् उत्तराखंड के सामाजिक कार्यकर्ताओं और संगठनों की मांग है की केंद्रीय नेतृत्व उत्तराखंड से इस मर्तबा दिल्ली में उत्तरायिनी को लाने वाले और उत्तराखंड समाज में अत्यंत लोकप्रिय और सम्मानित नेता डॉ. सूर्य प्रकाश सेमवाल को राज्य सभा से पार्टी का अधिकृत प्रयाशी बनाये.
यहाँ हम बात कर रहे हैं एक कर्मठ पत्रकार लेखक और सामाजिक व्यक्तित्व की, डॉ. सूर्य प्रकाश सेमवाल.
चर्चा के क्रम में उनके कुछ व्यक्तिगत तथ्य हैं – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारका जिला में संपर्क प्रमुख, बौद्धिक प्रमुख और प्रचार प्रमुख के दायित्व के बाद वर्तमान में समरसता प्रकल्प में संयोजक। विश्व हिंदू परिषद के संस्कृत विभाग में राष्ट्रीय संगठन मंत्री का दायित्व।
भाजपा हिमालय परिवार में राष्ट्रीय प्रभारी और दिल्ली भाकपा शिक्षा प्रकोष्ठ में मीडिया रामुख।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहने के बाद भारत विकास परिषद से जुड़ा और सम्प्रति पंचनद शोध संस्थान में पश्चिम दिल्ली प्रभारी का दायित्व।
पांचजन्य में 19996 से 98 तक वरिष्ठ उपसंपादक और फिर 2014 से 2016 तक सहायक संपादक।
डॉ. मुरली मनोहर जोशी अमृतोत्सव अभिनंदन समिति का महासचिव
दिल्ली में छात्र जीवन से उत्तरांचल संघर्ष समिति के माध्यम उत्तराखंड आंदोलन में भागीदारी की और दिल्ली भाकपा उत्तरांचल प्रकोष्ठ ले संगठन मंत्री का दायित्व।
संघ के राष्ट्रीय प्रचार विभाग में 2019 से 2021, तक काम किया।टिहरी में बांध के ऊपर से सार्वजनिक मार्ग,उत्तराखंड मूल के युवाओं के लिए आयु बढ़ाने का अभियान ,खतलिंग महायात्रा को मान्यता दिलाने के प्रयास। दिल्ली में उत्तरायणी पर्व को पहाड़ का सर्वस्वीकर्य पर्व बनवाने का प्रयास किया। चुनावों भाजपा के मंडल,जिला,प्रांत से लेकर मुख्यालय तक कार्यक्रम संचालन और विभिन्न राज्यों में निगम,विधानसभा से लेकर लोकसभा चुनावों में पूर्ण सहभागिता।
डॉ. सेमवाल राष्ट्रीय पर्वतीय लोक विकास समिति के मुख्य संरक्षक भी है.