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दिल्ली में कनॉट प्लेस के पालिका पार्क में 10 और 11 फरवरी को सजेगी कहानियों की महफ़िल—कहानी सुनाने पर मिलेंगे 2 लाख रुपये तक के इनाम

कथालोक’ : कहानी सुनाएं और जीते आकर्षक पुरस्कार


कहानियों को सुनने-सुनाने में रुचि रखने वालों के लिए दिल्ली के कनॉट प्लेस में ‘कथालोक’ नाम से एक खास आयोजन होने जा रहा है। 10 और 11 फरवरी को यह आयोजन कनॉट प्लेस के पालिका पार्क में होगा। भारतीय कहानियों पर केंद्रित यह भव्य आयोजन कहानी कहने का उत्सव होने जा रहा है। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ अभियान के अंतर्गत यह कार्यक्रम दिल्ली के एक प्रमुख सांस्कृतिक केंद्र ‘समय यान’ द्वारा आयोजित किया जा रहा है।

‘कथालोक’ का मंच उन सभी लोगों के लिए है, जिनके पास कहने के लिए एक अद्भुत कहानी और कहानी सुनाने की एक अनूठी शैली है। इसमें भाग लेने के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं है। कहानी अपनी भी हो सकती है और प्रसिद्ध रचनाकारों की भी। आयोजन में प्रतिभागियों को उनके प्रदर्शन के आधार पर नकद पुरस्कार भी दिए जाएंगे। कहानी को अकेले भी सुनाया जा सकता है और दो या अधिक लोगों के समूह के रूप में भी।
प्रतिभागी कहानियों को उनकी कथावस्तु व भाव के अनुसार चुन सकते हैं। ‘कथालोक’ में कहानियों को कहानी की प्रमुख शैलियों के अनुसार इन श्रेणियों में बांटा गया है-आक्रमण (युद्ध की कहानियां), प्रीत (प्रेम कहानियां), हास्य (कॉमेडी), रहस्य, देवलोक (प्राचीन भारतीय कहानियां), ऐतिहासिक (भारतीय इतिहास से जुड़ी कहानियां) और लोककथाएं (भारत के जन-मानस की कहानियां)। प्रतिभागी इनके अलावा किसी अन्य शैली की कहानी भी सुना सकते हैं, बशर्ते उनका संदर्भ भारतीय हो। प्रतिभागियों के लिए आचार्य चतुरसेन से लेकर अमृता प्रीतम तक देश के महान लेखकों की कहानियों को अपनी प्रस्तुति के लिए चुनने की स्वतंत्रता है।
‘कथालोक’ में आने वाले दर्शकों को दानिश हुसैन, मनु सिकंदर ढींगरा और फौजिया दास्तानगो (देश की पहली महिला दास्तानगो) जैसे देश के प्रख्यात कथा सुनाने वालों (स्टोरीटेलर) की प्रस्तुतियों को देखने-सुनने का भी मौका मिलेगा। मनु सिकंदर ढींगरा पंजाब के मशहूर किस्सा हीर वारिस की संगीतमय प्रस्तुति देंगे, तो फौजिया उर्दू में दास्तान-ए-राम प्रस्तुत करेंगी।
‘कथालोक’ का निर्णायक मण्डल प्रसिद्ध कहानीकारों और रंगमंच की हस्तियों से बनाया गया है। श्री जे.पी.सिंह, सुश्री मालविका जोशी, सुश्री शिवानी पांडेय, सुश्री अम्बिका भारद्वाज और श्री अमित तिवारी निर्णायक मण्डल के सदस्य हैं।
कार्यक्रम के दौरान एक ‘ओपन माइक’ भी होगा, जिसमें उन लोगों को अपनी कहानी सुनाने का अवसर मिलेगा, जो अपनी प्रस्तुति से पुरस्कार नहीं श्रोताओं का दिल जीतना चाहते हैं।

दो दिनों के इस भव्य कथा आयोजन में ‘सुर समय यान (वैदिक काल से संगीत की कहानी)’ के ग्रैंड फिनाले का हिस्सा बनने का भी मौका मिलेगा। यहां संगीत गुरु और और युवा कलाकार मंच पर भारतीय संगीत की ध्रुपद, ख्याल, ठुमरी आदि शैलियों में अपनी प्रस्तुतियाँ देंगे।

‘कथालोक’ दिल्ली में स्थित ‘समय यान’ नाम के एक संदर्भ पुस्तकालय और सांस्कृतिक केंद्र की पहल है। इस पहल का उद्देश्य युवाओं में भारतीय कहानियों और साहित्य के प्रति रुचि व प्रेम को जीवंत करना है। कहानी कहने-सुनाने की लुप्त होती परंपरा और अपनी कहानियों को जीवित रखने के लक्ष्य की दिशा में यह आयोजन केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय और ‘समय यान’ की बड़ी पहल है। ‘समय यान’ और ‘कथालोक’, भारत में बेहतर स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा तक पहुंच और सांस्कृतिक पुनर्जागरण के लिए समर्पित एनजीओ ‘सशक्त समाज’ के प्रकल्प हैं।

“कथालोक एक मंच है साहित्य को सम्मान देने का, उभरती प्रतिभाओं को अवसर देने का और स्थापित कथाकारों को सुनने का।”
-जस्टिस (रिटा.) श्री एस एन ढींगरा, संरक्षक, कथालोक

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