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Uttrakhand

तीसरी बार विधायक बने हरीश धामी छोड़ सकते हैं कांग्रेस. कहा :जनता कहेगी तो इस्तीफा दे देंगे मुख्यमंत्री के लिए धारचूला से

उत्तराखंड कांग्रेस में भूचाल के स्पष्ट संकेत मिले हैं. कल तक ये खबरें सतह पर थी की कांग्रेस के कई विधायक पार्टी छोड़ने के मूड में हैं. जब से कांग्रेस प्रदेश में बुरी तरह पराजित हुई है तब से प्रदेश के कांग्रेस नेताओं को अपना भविष्य असुरक्षित नज़र आ रहा है खासकर जब केंद्रीय स्तर पर भी पार्टी की स्थिति ज्यादा संतोषजनक नहीं है. उत्तराखंड में कांग्रेस की करारी हार के बाद अब एक दूसरे के सर ठीकरा फोड़ने का सिलसिला शुरू हो चुका है. पहले से ही आंतरिक खेमेबाजी की शिकार कांग्रेस उत्तराखंड के नेता बजाय शर्मनाक हार से सबक सीखने के अपने पुराने ढर्रे पर कायम हैं.

उन्हें अभी ही पद चाहिए और उनमे एक दूसरे को नीचे दिखने की होड़ लगी हुई है. जहा एक ओर कांग्रेस के अति महत्वकांक्षी वरिष्ठ नेता हरीश रावत स्वयं चुनाव haarne और कांग्रेस की शर्मनाक पराजय के बाद काफी लो प्रोफाइल रुख ले चुके हैं अन्य छुटभैये विधायक नए और पुराने अब उनकी जगह लेने के fiराक में हैं.

दो दिन पहले जब केंद्रीय high कमान ने गणेश गोदियाल की जगह स्वयं विधान सभा चुनाव हार चुके करन महरा को अध्यक्ष और यशपाल आर्य व भुबन काप्रि को विपक्षी नेता और उप विपक्षी नेता बनाया तो कई विधायक बिगड़ और बिफर पड़े खासकर सीमान्त क्षेत्र धारचूला से तीन बार विधायक रह चुके हरीश धामी मायुक महार प्रीतम सिंह आदि.

बेहद नाराज़ और भाजपा में आने की धमकी दे रहे हरीश धामी का सीधा आरोप है की प्रदेश व् केंद्रीय नेताओं ने हमेशा ही सीमान्त क्षेत्र और उनकी अनदेखी की है.

उनका सीधा आरोप है की जहाँ यशपाल आर्य को नेता प्रतिपक्ष और भुवन काप्रि को उपनेता बनाया गया उनके तीन बार विधायक होने के बावजूद उनकी अनदेखी की गयी .

जब प्रदेश के ऑब्सर्वेर देवेंद्र यादव ने कहा की इन नियुक्तियों में वरिष्ठा और नियमों को ध्यान में रखा गया तो नाराज़ हरीश धामी ने कहा यशपाल आर्य कांग्रेस को आधर में छोड़कर पहले भाजपा में गए, पांच साल मंत्री बनकर मलाई खायी और फिर कांग्रेस की शरण में आ गए और अब उन्हें फिर नेता प्रतिपक्ष बना दिया.

इस तरह पहली बार विधायक बने भुवन काप्रि को उपनेता बना दिया जबकि वे ( हरीश Dhaami ) तीसरी मर्तबा विधायक बने हैं.

इसी बीच खबर आ रही है की बुरी तरह बोखलाए हरीश धामी जो हाल ही में प्रीतम सिंह की तरह मुख्यमंत्री धामी से मिले थे ने कहा है की यदि उनकी क्षेत्र की जनता कहेगी तो वे उनके लिए अपनी विधायिकी से त्यागपत्र दे सकते हैं ताकि मुख्यमंत्री इस सीट से लड़ सकें.

इसी beeच आज धारचूला में युवा कांग्रेस के अध्यक्ष avom गोरीछाल के अभी कांग्रेस के पदाधिकारियों ने उनके नेता की अनदेखी के विरोध में इस्तीफा दे दिया. इन्होने कांग्रेस नेताओं के िरुद्ध नारेबाजी भी की. इससे पहले जब केन्दीय नेतृत्व ने प्रीतम सिंह को कांग्रेस की हार के लिए जिम्मेदार ठहराया तो प्रीतम सिंह ने भी इस्तीफे की धमकी दी थी और यह भी kaहा था की वो किसी ही पद पर आसीन यहीं होंगे. उत्तराखंड कांग्रेस में जारी असंतोष के चलते अफवाहे गरम गरम है की कई विधायक भजपा का दामन थामने के मूड में हैं.

गौर तालाब है की अपने जमाने की अज़ीम शख्सियत एवं पूर्व प्रधानमत्री इंदिरा गाँधी ने दशकों पहले कह दिया था की कांग्रेस को विरोधी दाल नहीं बल्कि स्वयं कांग्रेस हराती है

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