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Uttrakhand

टिहरी जनपद के बमुराधाम हेरवाल गाँव में आगामी 10 मार्च से 12 मार्च तक तीन दिवसीय भव्य गाँव वापसी संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

ऋषिकेश।टिहरी जनपद के बमुराधाम हेरवाल गाँव में आगामी 10 मार्च से 12 मार्च तक तीन दिवसीय भव्य गाँव वापसी संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों के बुद्धिजीवियों जिनमें राज्य के धर्माचार्य,शिक्षाविद,न्याय विद,पर्यावरण विद,
नीतिकार,प्रशासक,जनप्रतिनिधि,समाजसेवी,वैज्ञानिक एवं अभियांत्रिकी से जुड़े अधिकारी,
चिकित्सक एवं स्वास्थ्यकर्मी, रँगमन्चकर्मी,साहित्कार,नवोदित लेखक लेखिकाओं,पुलिस के पूर्व उच्चाधिकारियों की सहभागिता रहेगी।जिनमें राज्य के पूर्व प्रशासक उच्चाधिकारी,वरिष्ठ पत्रकार, युवा शोधकर्ता,
स्वउद्यमीयों सहित सामाजिक चिंतक एवं विचारक एक साथ अपने अपने विषय पर चर्चा करेंगे।कार्यक्रम के सूत्रधार ग्रीन स्कूल के संस्थापक वीरेंद्र रावत ने बताया कि इस भव्य कार्यक्रम को गाँव वापसी संवाद का नाम दिया गया है।अपनी आजीविका को कमाने के लिए प्रदेश गए प्रवासी अपने पूर्वजों पित्रों की कर्मस्थली पर एक उद्देश्य को लेकर इक्कट्ठे हो रहे हैं।समाज के प्रति निष्ठा पूर्वक अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने वाले इन आगन्तुकों को यहाँ देवभूमि पर कार्यक्रम के पश्चात सम्मानित भी किया जाएगा।कार्यक्रम के मीडिया प्रवक्ता पर्यावरण विद विनोद जुगलान ने बताया कि यह कार्यक्रम भव्य और ऐतिहासिक होगा।कार्यक्रम का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों के बुद्धिजीवियों को एक साथ बिठाकर उनके अनुभवों को साझा करते हुए राज्य के विकास पर न केवल चर्चा करना है बल्कि वर्ष 2047 तक उत्तराखंड का स्वरूप कैसा हो कि विकास सन्तुलित हो और प्रकृति को नुकसान पहुंचाए बिना राज्य का विकास होने के साथ साथ संस्कृति और प्रकृति का संरक्षण संवर्धन भी किया जा सके।
कार्यक्रम के सूत्रधार ग्रीन मेंटर स्कूल अहमदाबाद के संस्थापक समाजिक चिंतक वीरेंद्र रावत का कहना है कि अपने पूर्वजों की आत्माओं की मुक्ति के लिए विज्ञान और तकनीकी के माध्यम से अंतरग्रही अभियांत्रिकी के पहले अभियन्ता भगीरथ जी देवाधिदेव महादेव शिवजी के सहयोग से गंगाजी को धरती पर लाये थे।उसी तरह गाँव वापसी के लिए भगीरथ प्रयास करने वाले सभी प्रतिभागी भी भगीरथ के ही अंश हैं।कार्यक्रम में ग्रीन स्कूल के संस्थापक वीरेंद्र रावत सहित उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता वीरेंद्र रावत,पूर्व आईपीएस एवं राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन भारत सरकार के पूर्व प्रमुख अनिल धस्माना, एचएनबी गढ़वाल विश्व विद्यालय श्रीनगर गढ़वाल के प्राचार्य शिक्षाविद डॉ मोहन सिंह पँवार,उत्तरकाशी के स्वव्यवसायी मोहन डबराल सहयोगी होंगें।कार्यक्रम सामूहिक प्रयासों से आयोजित कर सामाजिक विकास की दिशा में एक भगीरथ प्रयास है।कार्यक्रम में उत्तराखंड राज्य के सेवानिवृत्त पुलिस महा निदेशक अनिल रतूड़ी,एचएनबी यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट वेलफेयर डीन डॉ एसएस रावत,वरिष्ठ पत्रकार मनोज इश्टवाल, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रान्त पर्यावरण प्रमुख पर्यावरण सचेतक विनोद जुगलान,समाज सेवी डॉ राजे नेगी,नन्ही अंतराष्ट्रीय पर्यावरण कार्यकर्ता रिधिमा पाण्डेय,
धर्माचार्य मुख्य पुजारी गंगोत्री धाम पण्डित सुरेश सेमवाल, पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ एसएस नेगी, टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय,प्रताप नगर विधायक विक्रम सिंह नेगी,मुख्यमंत्री के जनसंपर्क अधिकारी भजराम पँवार,आईआईटी रुड़की के पूर्व प्राचार्य अजय गैरोला,ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी के महानिदेशक डॉ संजय जसोला,डॉ अरविंद दरमोडा विशेषज्ञ पर्वत विकास संस्थान,मनोवैज्ञानिक डॉ धीरेंद्र रांगड़,नरभक्षी बाघ के अधिकृत शिकारी जॉय हुकिल,मशरूम लेडी दिव्या रावत,स्वतन्त्र पत्रकार एवं लेखिका प्राची रतूड़ी,
समाजसेविका हेमलता बहिन, लोक गायिका रेशमा शाह,महिला कथावाचक ममता नेगी,रेखा वर्मा प्राध्यापिका यूपीईएस विश्वविद्यालय देहरादून सहित बड़ी संख्या में राज्य के वयोबृद्ध चिंतक एवं विचारक एवं युवा शोध कर्ता वक्ता के रूप में कार्यक्रम में प्रतिभाग करेंगे।कार्यक्रम को बारह सत्र में विभाजित किया गया है।कार्यक्रम को रिवर्स माइग्रेशन की दिशा में एक उम्मीद की किरण के रूप में देखा जा रहा है।

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