ज्ञान प्रकाश संस्कृत पुस्तकालय समिति के तत्वावधान में आयोजित नशामुक्ति अभियान

ज्ञान प्रकाश संस्कृत पुस्तकालय समिति के तत्वावधान में आयोजित नशामुक्ति अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण किया तथा लोगों को नशे से होने वाली घातक बिमारियों की जानकारी देते हुए भविष्य में स्वयं एवं अपनी भावी पीढ़ी को नशापान की कुप्रवृत्तियों से संयुक्त रूप से जनांदोलन के माध्यम से बचाने का प्रयास करना चाहिए I

इसी क्रम में ग्राम सभा ओगला में एक गोष्ठी आयोजित कर नशामुक्ति अभियान के संयोजक डॉ पीताम्बर अवस्थी ने कहा कि आज नशा वैश्विक स्तर पर फैल चुका है जिसका सबसे अधिक प्रभाव बच्चों एवं महिलाओं पर पड़ रहा है I

इसके सेवन से कई परिवार बर्बाद हो चूके हैं, कई बर्बादी के कगार पर है ऐसी स्थिति में सभी सामाजिक सरोकारों से जुड़े व्यक्तियों को आगे आकर नशे के खिलाफ अभियान चलाने की आवश्यकता है I

यह कार्य एक व्यक्ति का न होकर सामुदायिक रुप से करने पर ही सफलता मिलेगी अन्यथा इससे पूरा पारिवारिक एवं सामाजिक ढांचा तथा सांस्कृतिक विरासत को भी गंम्भीर परिणाम भुगतने होंगे।

अतः समाज को जागरूक करने तथा इस पर गंभीरता से काम करने की आवश्यकता है।

डाक्टर अवस्थी ने घोषणा की की ग्रामीण क्षेत्रों में जो लोग शादी विवाह समारोहों एवं धार्मिक कार्यों में बिना शराब परोसे काम करेंगे उन्हें ज्ञान प्रकाश संस्कृत पुस्तकालय समिति की ओर से सम्मानित किया जाएगा तथा उनको समय-समय पर आदर्श नागरिक के रूप में समाज के सामने लाया जाएगा जिससे अन्य लोग भी उनसे प्रेरणा लेकर इस क्षेत्र में कार्य कर सकें

कार्य क्रम में गोविंद भट्ट,दीपा, मंजुला अवस्थी, देवकी देवी, संदीप कुमार आदि ने भी विचार रखे तथा अन्त में सभी को नशामुक्ति पोस्टर भेंट किए तथा अन्य लोगों को भी जागरूक करने का संकल्प लिया गया।

कार्य क्रम में सदा नन्द जोशी, मनोज अवस्थी तुलसी देवी। राधिका सहित अनेक लोग उपस्थित रहे तथा डॉ अवस्थी द्वारा संचालित नशामुक्ति अभियान की सराहना करते हुए कहा कि आज उनके प्रयासों से समाज में एक कान्ति आ रही है I

लोग नशे के दुष्प्रभावों को समक्षने लगे हैं तथा नशापान से स्वयं दुरी बना रहे हैं वो समय जल्दी आने वाला है जब लोग कहेंगे नशा नहीं अपने बच्चों को संस्कार दें।। अच्छे संस्कारो से ही अच्छे समाज का निर्माण किया जा सकता हैI

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