जीएचएस चुनाव कराने वाले मुख्य चुनाव अधिकारी ने बुरी तरह नाराज होकर गढ़वाल सभा की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया

गढ़वाल हितैषिणी सभा के मुख्य चुनाव अधिकारी/आयुक्त ललित मोहन ढौंडियाल, जिन्हें दिल्ली और एनसीआर के सबसे बड़े प्रतिनिधि सामाजिक संगठन के चुनाव कराने के लिए पूर्व में बुलाई गई जीएचएस की खुली आम सभा में सहमति के बाद सर्वसम्मति से नामित अन्य तीन चुनाव अधिकारियों के साथ 2 january की सुबह चुनाव अधिकारियों के साथ हुई बैठक में दोनों प्रतियोगी दलों/पैनलों के बीच सौहार्दपूर्ण समझौता नहीं हो पाने से नाराजगी और विरोध में इस्तीफा दे दिया है। ढौंडियाल एमटीएनएल में क्लास वन अधिकारी रहने के दौरान एक ईमानदार अधिकारी और शिक्षाविद् होने के साथ-साथ उभरते मेधावी छात्रों को बढ़ावा देने और प्रोत्साहित करने के क्षेत्र में काम कर रहे थे।

बेदाग ईमानदारी के व्यक्ति ढौंडियाल ने अपना त्यागपत्र सौंप दिया है और साथ ही उन्होंने जटिल मुद्दे को हल करने के लिए समझौता न करने पर अड़े रहने के कारण दोनों पक्षों के बुरे अनुभव और अशोभनीय व्यवहार या रवैये के कारण भारी मन से गढ़वाल हितैषिणी सभा की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है।

मामले की जड़ यह है कि जीएचएस चुनाव कराने वाले चार चुनाव अधिकारियों ने जांच के बाद निवर्तमान अध्यक्ष और उक्त शीर्ष पद के लिए आवेदक समेत पंद्रह अन्य का नाम तकनीकी आधार पर रद्द कर दिया था। इससे उन लोगों में नाराजगी है, जिनके नामांकन रद्द हुए थे, जिनमें निवर्तमान अध्यक्ष अजय बिष्ट भी शामिल हैं, जिन्होंने इस बार भी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया है।

उनका नाम खारिज होने के बाद उनके प्रतिद्वंद्वी सूरत सिंह, जिनके कागजात सही पाए गए थे, ही एकमात्र उम्मीदवार बचे थे, जिसका मतलब साफ है कि वे निर्विरोध निर्वाचित हो जाते।

निवर्तमान अध्यक्ष अजय बिष्ट ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि चुनाव जांच प्रक्रिया सही ढंग से नहीं की गई और न ही उनके नामांकन पत्र निरस्त करने के पीछे के कारणों की जानकारी आज तक दी गई, जो संविधान विरोधी और अवैध है।

उन्होंने सहायक चुनाव अधिकारी यूएस नेगी पर आरोप लगाया कि उन्होंने उनके बेटे को फायदा पहुंचाया है, जो खेल सचिव पद के लिए चुनाव लड़ रहे हैं, जिससे बिष्ट के पैनल से बीएस नेगी आवेदक (उम्मीदवार) का नामांकन निरस्त हो गया।

बिष्ट ने पहले ही चुनाव अधिकारियों को हिंदी में पत्र लिखकर यूएस नेगी को सहायक चुनाव अधिकारी और उनके बेटे को खेल सचिव पद के लिए चुनाव लड़ने पर आपत्ति जताई थी। बिष्ट का कहना है कि नामांकन निरस्त करने के बजाय उन्हें तकनीकी गड़बड़ी ठीक करने का मौका दिया जाना चाहिए था, जो किसी भी सूरत में नहीं होता।

स्मरण रहे कि आज गढ़वाल हितैषी सभा के चुनाव अधिकारियों द्वारा श्री ढौंडियाल की अध्यक्षता में दोनों पैनलों की बैठक बुलाई गई थी, जिसमें दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात दस्तावेजों का पुनः मूल्यांकन करने तथा छोटी-मोटी तकनीकी त्रुटियों को दूर करने आदि का प्रयास किया गया, ताकि सौहार्दपूर्ण समाधान निकाला जा सके, किन्तु चूंकि विपक्षी पक्ष यथास्थिति बनाए रखने पर अड़ा था, क्योंकि जांच ही अधिकारियों का अंतिम निर्णय था, अतः नाराज मुख्य चुनाव आयुक्त श्री ढौंडियाल ने गढ़वाल हितैषी सभा की प्राथमिक सदस्यता सहित चुनाव आयुक्त के पद से अचानक इस्तीफा दे दिया, इस आशा के साथ कि नया आम सदन बुलाया जाएगा तथा नए सिरे से चुनाव कराने का निर्णय लिया जाएगा, अन्यथा संबंधित पक्ष न्यायालय आदि का दरवाजा खटखटाएंगे। नीचे श्री ढौंडियाल का त्यागपत्र स्वतः स्पष्ट है।

One comment
Suwarn Rawat

बिना कड़ुवाहट के दोनों पक्षों को आपसी बातचीत से मामला सुलझाना चाहिए।

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