गोविन्द बल्लभ पन्त इन्जनियरिग संस्थान घुडदौडी जनपद पौडी गढवाल के पूर्व रजिस्ट्रार संदीप कुमार, देहरादून से गिरफ्तार
गोविन्द बल्लभ पन्त इन्जनियरिग संस्थान घुडदौडी जनपद पौडी गढवाल के पूर्व रजिस्ट्रार संदीप कुमार को कोतवाली पौडी पुलिस टीम ने देहरादून से गिरफ्तार कर लिया है।
उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय प्रवक्ता एवं वरिष्ठ पत्रकार शिव प्रसाद सेमवाल के मुताबिक यह वही रजिस्ट्रार है जिस के घोटाले उन्होंने पर्वतजन मे कई बार प्रकाशित किए थे। पूर्व मुख्य सचिव ओमप्रकाश और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह के लाडले इस कुलसचिव ने तब उनके कहने पर पर्वतजन की पूरी टीम पर मानहानि का मुकदमा दर्ज कर दिया था।
मुकदमे मे आज भी तारीख पर तारीख चल रही है लेकिन इस बात का संतोष है कि यह भ्रष्ट रजिस्ट्रार सलाखों के पीछे हैं।
उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय प्रवक्ता एवं वरिष्ठ पत्रकार शिव प्रसाद सेमवाल के मुताबिक उन्होंने तत्कालीन सतर्कता सचिव राधा रतूड़ी जी से इसके खिलाफ विजिलेंस जांच की कार्यवाही के लिए भी आदेश करवाए थे। उन्होंने उन्होंने आरोप लगाया कि इस भ्रष्ट अधिकारी संदीप कुमार ने पूरा घुड़दौड़ी इंजीनियरिंग कॉलेज बेच खाया। सेमवाल ने आरोप लगाया कि लाखों रुपए प्रोफेसरों और असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्तियों में रुपए लिए गए जिनका कथित तौर पर रेट था २० लाख रुपये प्रति नियुक्ति.
इस तरह के लोग उत्तराखंड के लिए कैंसर है और इस तरह के लोगों को हमारे ही नेता पालते पोसते हैं । हमारे उत्तराखंड की जनता उन नेताओं की चमचागिरी और अंधभक्ति से बाहर नहीं आ पा रही, इस बात से बड़ा अफसोस होता है कहा उक्रांद प्रवक्ता सेमवाल ने .
इसी बीच सेमवाल ने कहा कि उत्तराखंड की भाजपा सरकार पेपर लीक मामले में जनता को गुमराह कर रही है.
शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि सरकार इस मामले से जनता का ध्यान भटकाने के लिए रोज नई कवायद कर रही है और दोषियों को बचाने में लगी है।
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अधिकारियों की जांच विजिलेंस से कराए जाने और बाकी छोटे आरोपियों की जांच एसटीएफ से कराए जाने पर भी यूकेडी नेता सेमवाल ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि एक ही मामले की जांच दो अलग-अलग एजेंसियों को देने से साफ है कि सरकार बड़े अधिकारियों को बचाना चाहती है।
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षाओं की जिम्मेदारी हटाकर यूकेपीएससी को दिए जाने पर भी यूकेडी नेता सेमवाल ने सवाल खड़े किए।
उन्होंने कहा कि सरकार ने जब यूकेएसएससी से अध्यक्ष, सचिव और परीक्षा नियंत्रक जैसे अधिकारी बदल दिए हैं तो फिर आखिर क्या कारण है कि सरकार अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अधिकारी कर्मचारियों को लोकायुक्त कार्यालय की तरह बिना काम के वेतन देना चाहती है !
सेमवाल ने कहा कि यूकेपीएससी पहले से ही अपनी रुटीन परीक्षाएं नहीं करा पा रहा है और कई परीक्षाओं में घोटालों के भी सीधे आरोप यूकेपीएससी पर भी लगते रहे हैं, ऐसे में यूकेएसएसएससी को ही सही नीयत के साथ परीक्षाओं की जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए थी।
यूकेडी नेता सेमवाल ने कहा कि पेपर लीक मामले से जनता का ध्यान हटाने के लिए सरकार कभी कॉमन सिविल कोड तो कभी नए जिले बनाने और कभी भू कानून का शिगूफा छोड़ रही है लेकिन जनता किसी भी हाल में पेपर लीक मामले से अपना ध्यान नहीं भटकने देगी।और बेरोजगार अभ्यर्थी इसकी सीबीआई जांच की मांग पर अड़े रहेंगे।
यूकेडी नेता ने आरोप लगाया कि सरकार पेपर लीक के लिए पैसे देने वाले अभ्यर्थियों के भी नाम सार्वजनिक नहीं कर रही है, इससे लगता है कि सरकार दोषियों को बचाने में लगी है।
यूकेडी नेता शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि सरकार ने कुछ परीक्षाएं रद्द करके यह दिखाने की कोशिश की है कि सरकार सही काम कर रही है। उन्होंने कहा कि जिन परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की जा रही है और जिनमें 36 गिरफ्तारियां हो चुकी है उन भर्तियों से ध्यान हटाने के लिए दूसरी परीक्षाओं को केवल शक के आधार पर रद्द किया जा रहा है।
यूकेडी नेता सेमवाल ने कहा कि मेहनती अभ्यर्थियों के साथ न्याय होना चाहिए और कोई भी परीक्षा रद्द करने के बजाए पेपर लीक में दोषी लोगों को पकड़ा जाना चाहिए। और यदि राज्य सरकार इसमे असमर्थ है तो इसकी जांच सीबीआई को सौप देनी चाहिए।
यूकेडी नेता सेमवाल ने कहा कि यदि भर्ती घोटाले की सीबीआई से जांच नहीं हुई और सरकार ने ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के कदम उठाए तो फिर व्यापक जन आंदोलन छेड़ा जाएगा।