गंगीं और बजिंगा की बाल पंचायत में पुरस्कार वितरण के साथ समापन हुआ उत्तराखंड उत्त्थान प्रयोगशाला का तीन दिवसीय कार्यक्रम।
उत्तराखंड उत्थान प्रयोगशाला 7 मई से लेकर 9 मई तक टिहरी गढ़वाल के भिलंगना ब्लॉक के भिलंग पट्टी की विभिन्न बाल पंचायतों में छात्र छात्राओं की मेधा को सम्मान देने और बाल पंचायत के सभी बच्चों से रूबरू होने के लिए लोकेश गैरोला एवं श्रीमती सुनीता गैरोला के नेतृत्व में पहाड़ चढ़े।
7 मई को घुत्तु क्षेत्र की विभिन्न बाल पंचायतों में शारीरिक एवं मानसिक क्रियाकलाप एवं गतिविधियों के साथ सम्मान समारोह आयोजित हुआ।
पुन: 8 मई को टेहरी गढ़वाल के सुदूरवर्ती क्षेत्र व आज भी विकास के सोपान से कोसों दूर उत्तराखंड उत्थान प्रयोगशाला गंगीं गांव पहुंची जहां गंगीं गांव के बच्चों ने अपनी पारंपरिक वेशभूषा एवं रीति रिवाज से श्री लोकेश गैरोला एवं श्रीमती सुनीति गैरोला जी का स्वागत किया। तत्पश्चात विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की झलकियां भी प्रस्तुत की गई। गंगी में ग्रामीण बाल विकास संगठन की सभी बाल पंचायतों का महा सम्मेलन हुआ जिसमें सभी बाल पंचायतों के संयोजकों ने अपने बाल पंचायत के अनुभव साझा किए। साथ ही उत्तराखंड उत्थान प्रयोगशाला द्वारा बच्चों को पुरस्कृत एवं मिष्ठान वितरण किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्रीमान लोकेश गैरोला जी ने सभी बच्चों को संवादमूलक बनने के लिए प्रेरित किया। साथ ही गंगीं के लोगों की सामासिक संस्कृति को संजोकर रखने की अपील की।
कार्यक्रम में रुद्रप्रयाग से विज्ञान शिक्षक व साहित्यकार श्री अश्वनी गौड़ जी ने बच्चों को विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं एवं रचनाकारों की रचनाएं वितरित की तथा साहित्यिक गतिविधियों के बच्चों को प्रेरित किया।
ग्रामीण बाल विकास संगठन के संरक्षक मार्गदर्शक श्रीमान राजेंद्र चौहान जी ने कार्यक्रम में शिरकत करने वाले सभी दर्शकों संयोजक एवं अतिथियों का संगठन की ओर से धन्यवाद ज्ञापित किया।
इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए 9 मई को उत्तराखंड उत्त्थान प्रयोगशाला ग्रामीण बाल विकास संगठन के केंद्र बाल पंचायत बजिंगा में पहुंची जहां विभिन्न प्रकार की स्पर्धाएं आयोजित की गई ।जैसे मैथमेटिकल एक्टिविटी, रस्साकशी, रंगापति, लीडर लीडर, इत्यादि मनोरंजन खेल बच्चों के बीच में करवाए गए ।और अंततः उत्तराखंड उत्त्थान प्रयोगशाला द्वारा सभी बच्चों को सर्टिफिकेट, मेडल, एवं स्टेशनरी के साथ सम्मानित किया गया। उत्तराखंड उत्त्थान प्रयोगशाला ने सभी बाल पंचायतों के संवर्धन एवं उनके भाषाई कौशल को दक्षता प्रदान करने के लिए अपना सहयोग देने का आश्वासन दिया।
बच्चों में उत्तराखंड उत्थान प्रयोगशाला के द्वारा आयोजित करवाई गई विभिन्न गतिविधियों से नया उत्साह देखने को मिला।
अंततः ग्रामीण बाल विकास संगठन की सभी इकाइयों ने उत्तराखंड उत्थान प्रशाला का धन्यवाद तथा आभार व्यक्त किया और साथ उत्तराखंड उत्त्थान प्रयोगशाला से निवेदन किया कि वह जिस प्रकार उत्तराखंड के सभी जिलों के बच्चों के भाषाई कौशल पर काम कर रही है उस तरह का भौतिक सहयोग भी बच्चों को देते रहें।
This is a right kind of approach to build awareness, educated and developing society in hills. I appreciate laudable approach by budding journalist Nupur Nawani if ‘FeelGood भलु लगद’ pilot programme run & nurtured by Mr Sudhir Sundriyal as it’s founder.