क्या उत्तराखंड की धार्मिक नगरी नशे की सप्लाई का अड्डा बन रही है?
उत्तराखंड में पवित्र नगरी हरिद्वार कथित तौर पर ड्रग डीलरों के लिए उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों, खासकर दूरदराज के इलाकों में कथित तौर पर ड्रग की आपूर्ति करने का जरिया बन गया है, जिससे युवा आबादी में ड्रग का खतरा फैल रहा है, जो पहले से ही बढ़ती बेरोजगारी को देखते हुए निराश हैं। कुछ महीने पहले ऋषिकेश में एक शराब तस्कर का पर्दाफाश करने वाले एक स्थानीय पत्रकार और यूट्यूबर को क्रिकेट के बल्ले से बुरी तरह पीटा गया था, जिससे उसके सिर पर गंभीर चोट लग गई थी और उसके पैर में चोट लग गई थी। अंत में उसे ऋषिकेश एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां हरिद्वार के सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत और कई पत्रकारों ने उनसे मुलाकात की थी और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी, जिन्हें शराब माफिया के खिलाफ मीडिया युद्ध के बाद गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे डाल दिया गया था। कल हरिद्वार में पुलिस और ड्रग डीलरों के बीच गोलीबारी हुई, जिसके परिणामस्वरूप गिरोह का एक सदस्य पुलिस की गोली से पैर में घायल हो गया। ताजा खबरों के अनुसार वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक परमिंदर सिंह डोभाल के बयान के अनुसार पथरी थाना क्षेत्र के सुभाषगढ़ बुड्ढाहेड़ी में स्थानीय एसएचओ के नेतृत्व में पुलिस पिकेट चेकिंग कर रही थी, तभी उन्हें एक सफेद रंग की कार आती दिखाई दी। पुलिस ने कार को चेकिंग के लिए रुकने का इशारा किया, लेकिन कार सवारों ने उन पर देशी कट्टे से फायरिंग कर दी। पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की और गुरुवार को लगातार क्रॉस फायरिंग के दौरान कार सवार गिरोह के एक सदस्य ने पुलिस पर गोली चला दी, जिससे वह पैर में गोली लगने से घायल हो गया। पुलिस ने उसे पकड़ लिया और कड़ी निगरानी में इलाज के लिए अस्पताल ले गई।
बाद में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अस्पताल पहुंचे। जांच के दौरान पुलिस को नौ सौ से अधिक नशीली गोलियां, एक तमंचा और कुछ गोलियां मिलीं। घायल तस्कर अन्य लोगों के साथ इन नशीली कैप्सूलों को अपने स्रोत पर पहुंचाने के लिए आया था, ताकि उन्हें आगे हरिद्वार की पवित्र नगरी में वितरित किया जा सके। पुलिस ने मादक पदार्थ अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है, जिसमें सात साल या उससे अधिक की कठोर सजा का प्रावधान है। गौरतलब है कि उत्तराखंड सरकार ने हिमालयी राज्य में विभिन्न दुकानों से शराब की बिक्री से सबसे अधिक राजस्व अर्जित किया है। 2014 में अप्रैल से जनवरी तक नौ महीनों के दौरान राज्य सरकार ने पिछले वर्ष की तुलना में दो सौ करोड़ रुपये अधिक राजस्व अर्जित किया और 3,353 करोड़ रुपये का लक्ष्य पूरा किया।