कांग्रेस सांसद अधीर रंजन के महामहिम राष्ट्रपति द्वारा ” राष्ट्रपत्नी ” शब्द के प्रयोग पर उठे बवाल पर हरीश रावत ने दिया स्पष्टीकरण
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पार्टी के सांसद एवं वरिष्ठ नेता अधीर रंजन द्वारा महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपत्नी सम्बोधित करने पर उनका बचाव करते हुए स्पष्टीकरण दिया कि उन्होंने अपनी इस त्रुटि पर पहले ही माफ़ी मांग ली है. रावत ने कहा की यह गलती अधीर रंजन से उन्हें हिंदी भाषा का भरपूर ज्ञान न होना है जबकि यह मातृभाषा हिंदी का पूरा सम्मान करते हैं और यही वजह है की उनके हिंदी प्रेम के चलते उनसे उच्चारण में गलती हो गयी है . ऐसे में इस पर बार बार विरोध करना ठीक नहीं है. रावत ने कहा की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी भी कह चुकीं हैं की अधीर रंजन ने दो बार माफ़ी मांग ली हैं.
मगर एक तरफ हम चाहते हैं कि लोग हिंदी के प्रति सम्मान जाहिर करें, हिंदी का उपयोग करें, अहिंदी भाषी लोग भी हिंदी में बोलें और दूसरी तरफ हम उनके व्याकरण आदि की गलतियों पर तूफान खड़ा करेंगे तो इससे कोई अच्छा दूरगामी संदेश नहीं जाएगा। अहिंदी भाषी लोग जो हिंदी में बोलने का प्रयास कर रहे हैं वह इससे हतोत्साहित होंगे।
यहाँ जारी एक बयान में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूरी मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा : श्री #अधीररंजनचौधरी अनायासी महामहिम माननीया राष्ट्रपति जी के लिए राष्ट्रपत्नी शब्द का प्रयोग कर बैठे और समझ में आने के बाद अपनी गलती को उन्होंने सुधारा और जब स्वयं उस चैनल तक भी पहुंचने की कोशिश की जिस चैनल में उनका बयान दिखाया जा रहा था। स्वयं कांग्रेस अध्यक्षा ने कहा श्री अधीर रंजन माफी मांग चुके हैं, उसके बाद बार-बार इस प्रश्न को उठाना और सड़कों पर प्रदर्शन करना और बड़े-बड़े नेताओं द्वारा बयान जारी करना, कहां तक उचित है! श्री अधीर रंजन एक अहिंदी भाषी व्यक्ति हैं, उन्होंने अंग्रेजी में बोलने के बजाय हिंदी में बोलना उचित समझा और अपने इस प्रयास में उनसे भाषा व्याकरण में गलती हो गई, समझ में आने पर उन्होंने उसको सुधारा। महामहिम के प्रति अशिष्टता या अभद्रता, न उनका उद्देश्य था और न किसी का उद्देश्य हो सकता है। श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी हमारे देश की सम्मानित राष्ट्रपति हैं और हम सब उनकी जन्म की पृष्ठभूमि को लेकर अपने को गौरवान्वित महसूस करते हैं कि एक आदिवासी महिला आज हमारे देश की राष्ट्रपति हैं और यह सम्मान हमारे संविधान ने उनको दिलवाया है। हम उस संविधान को भी प्रणाम करते हैं। मगर एक तरफ हम चाहते हैं कि लोग हिंदी के प्रति सम्मान जाहिर करें, हिंदी का उपयोग करें, अहिंदी भाषी लोग भी हिंदी में बोलें और दूसरी तरफ हम उनके व्याकरण आदि की गलतियों पर तूफान खड़ा करेंगे तो इससे कोई अच्छा दूरगामी संदेश नहीं जाएगा। अहिंदी भाषी लोग जो हिंदी में बोलने का प्रयास कर रहे हैं वह इससे हतोत्साहित होंगे।
इसी बीच आज भाजपा महिला मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस नेता अधीर रन्जन चौधरी द्वारा महामहिम राष्ट्रपति महोदया के लिये अभद्र भाषा के प्रयोग के विरोध में 24 अकबर रोड कांग्रेस मुख्यालय पर प्रचण्ड प्रदर्शन करते हुए शांति पूर्वक अपना आक्रोश व्यक्त किया। भाजपा कार्यकर्ता कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी से माफ़ी मांगने की मांग कर रहे थे .