कल शुरू होगा चमियाला कसबे , टिहरी गढ़वाल में उमेश डोभाल स्मृति समारोह
महिपाल नेगी
तो साथियों कल चमियाला में मिलते हैं …………………..
दो दिवसीय शहीद पत्रकार उमेश डोभाल स्मृति समारोह कल टिहरी जिले के चमियाला कस्बे में शुरू होगा। समारोह के दौरान सांस्कृतिक जात्रा के साथ ही विचार विमर्श के कुछ सत्र चलेंगे।
खास बात यह कि उमेश डोभाल स्मृति सम्मान जोशीमठ के संघर्षरत साथी अतुल सती को, युवा पत्रकारिता पुरस्कार नैनीताल के साथी हिमांशु जोशी और चम्पावत के साथी कमलेश भट्ट को, सोशल मीडिया पुरस्कार देहरादून के आंदोलनकारी साथी, मूलरूप से टिहरी पडियार गांव के जयदीप सकलानी (आपका सकलानी) को, राजेंद्र रावत जन सरोकार सम्मान नैनीताल के साथी कमलेश नेगी को और गिरीश तिवारी गिर्दा सम्मान बागेश्वर के लोक साधक युवा साथी भास्कर भौंर्याल को दिया जाएगा।
समारोह हर साल की भांति उमेश डोभाल स्मृति ट्रस्ट की ओर से आयोजित किया जा रहा है। स्थानीय स्तर पर चेतना आंदोलन के साथी विनोद बडोनी व उनकी टीम सहयोग कर रही है …..
चमियाला बाल गंगा घाटी का केन्द्रीय स्थल है। टिहरी बांध स्थल से 30 किमी पर घनसाली, घनसाली से 10 किमी आगे है चमियाला। और बूढ़ा केदारनाथ से 15 किमी पहले ही है।
यह मनोरम बाल गंगा घाटी लछमू कठैत, सुंदरलाल बहुगुणा, घनश्याम “सैलानी”, विमला बहुगुणा, भरपूरू नगवाण, धर्मानंद नौटियाल, बादर सिंह राणा, नरहरी दत्त पैन्यूली, त्रेपनसिंह नेगी, बिहारी भाई, और हमारी पीढ़ी के आंदोलनकारी साथी त्रेपन सिंह चौहान आदि की कर्मभूमि रही है।
बूढ़ा केदारनाथ के साथ ही थाती में कैलापीर, चूला गढ़ में राज राजेश्वरी और लाटा में लोक देवता मान चंफुवा की थात है। “सदेई – सदेऊ” की मार्मिक लोक गाथा का एक सिरा भी इस घाटी तक पहुंचता है। एक दिन का और समय निकाल पाएंगे, तो आस पास ही इन जगहों पर भी घूम पाएंगे। वैसे सहस्रताल और हटकुणी भैरवनाथ तक की यात्रा इसी रास्ते भी होती है।
टिहरी, घनसाली और चमियाला के पत्रकार, साहित्य व संस्कृतिकर्मी और जन आंदोलनकारी साथी तो अवश्य ही पहुंचें ………..