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Uttrakhand

कल्जीखाल ब्लॉक में निर्मित २० वर्ष पुरानी मज़ार को ध्वस्त किया गया , विधायक पोरी ने दिए थे शेड के लिए २ लाख रुपये

उत्तराखंड में इन दिनों सरकारी जमीनों पर गैरकानूनी तौर निर्माणाधीन धार्मिक स्थलों को सरकारी आदेश पर ध्वस्त किया जा रहा है . सरकारी , विशेषकर जंगलात की जमीन पर निर्मित मज़ारें इन दिनों सरकारी एजेंसी का शिकार हो रही हैं. कल तक की ख़बरों के मुताबिक उत्तराखंड में देहरादून के समीप जंगलों में व अन्य स्थानों पर १७ में से १५ अवैध एक धर्म की मज़ारें ध्वस्त की गयीं , सरकारी आदेश के मुताबिक ये धार्मिक स्थल जंगलात की जमीन पर बनाये गए थे जो की ग़ैरकारनूनी कृत्य था. उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों पर निर्मित इन मज़ारों के निर्माण और सरकारी जमीनों के धर्म की आड़ में कब्जे की ख़बरों , के कई वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहे थे खासकर विधान सभा चुनावों के दौरान. तदेन भाजपा सर्कार , जो इस समय भी उत्तराखंड में काबिज है ने जनता को इस सम्बन्ध में त्वरित कार्यवाही करने के आश्वासन दिए थे I २०२२ को उत्तराखंड में पुनः सत्तासीन होने के बाद मौजूदा सर्कार ने अपने द्वारा चुनाव के दौरान दिए गए आश्वासन को इन अवैध निर्माणाधीन धार्मिक स्थलों ( मज़ारों) को गिराकर अपने चुनावी वायदे को पूरा किया. इसी कड़ी में आज कल्जीखाल ब्लॉक के जंगलों के बीचोंबीच निर्मित मज़ार को बुलडोज़र की मदद से ध्वस्त किया गया. कहा जाता है की ये मज़ार बीस वर्ष पुराणी थी .कहा गया है की मौजूदा विधायक राज कुमार पोरी जो पौड़ी गढ़वाल से हैं ने इस मज़ार के रखरखाव के लिए करीब २ लाख रुपये सैंक्शन किये. इसकी भनक जब कुछ हिंदूवादी संघटनों को लगी तो उन्होंने इसका जबरदस्त विरोध किया. फलतः पौड़ी के जिला प्रसाशन ने इसकी जांच की और पाया कि ये मज़ार गैर कानूनी तौर पर फारेस्ट लेंड पर निर्मित है. नतीजतन प्रशासन ने बगैर समय गंवाए बुलडोज़र भेजकर अधिकारियों की मौजूदगी में इस २० वर्ष पुरानी मज़ार को गिरा दिया . ख़बरों के मुताबिक इस विषय को लेकर चर्चाएं गरम हैं. वैसे अभी तक की ख़बरों के मुताबिक लगभग १६ मज़ारों के ध्वस्त होने के बावजूद स्थिति नियंत्रण में है क्योंकि ये सभी ध्वस्त मज़ारें सरकारी जमीन पर निर्मित थीं ,
photos grabbed from Jago Uttarakhand video

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