कमर्शियल गैस सिलिंडर (१९ किलोग्राम) के दाम में हुई १०२.५० रूपए की बढ़ोतरी
देश में पहले से ही जारी कमरतोड़ महंगाई और देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पेट्रोल के दाम प्रति लीटर १२०.५१ रुपये और डिसल के दाम १०४.७७ रुपये पहुँचने के बावजूद रविवार के दिन देश के होटलों , रेस्टोरेंटों , रेहड़ी पटरियों में बिकने वाले फ़ूड आइटम्स के दामों के बढ़ने का पूरा इंतज़ाम कर दिया गया है.
रविवार के दिन पिछले दो महीनों के दौरान मार्च और अप्रैल में कमर्शियल गैस सिलिंडर १९ किलोग्राम में क्रमशः २५० और १०५ रुपये की बढ़ोतरी के बाद,अब तीसरी बार १०२.५० रुपये प्रति सिलिंडर में इजाफा कर दिया गया है .
इसी तरह ५ किलोग्राम के गैस सिलिंडर के दामों में भी संशोधन कर प्रति सिलिंडर रुपये ६५५ कर दिया गया है. कुछ दिन पहले ही एक रिपोर्ट के मुताबिक महंगाई मार्च में ६.५% तक पहुँच गयी थी जो की फरबरी में ६.०७ थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों से अपील की थी की वे देश में बढ़ती महंगाई के मद्देनज़र वैल्यू एडेड टैक्स को कम करें क्योंकि केंद्र सर्कार ने हाल ही में नवम्बर में पिछले वर्ष पेट्रोल डीज़ल में एक्साइज ड्यूटी कम की थी लेकिन गैर भाजपा राज्य सरकारों ने विरोध किया. प्रधaन मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा था की गुजरात और कर्नाटक की भाजपा सरकारों ने इन टैक्स रियायतों से क्रमशः ४ और ५ हज़ार करोड़ का घाटा झेला था जबकि महाराष्ट्र सरकार ने लगभग ३.५०० हज़ार करोड़ से लेकर ५.५०० करोड़ रुपयों के कर इकठा किये.
देश में पेट्रोल डीज़ल एंड डोमेस्टिक एवं कमर्शियल गैस के दामों में हो रही वृद्धि से जहाँ एक ओर महंगाई के ग्राफ निरंतर ऊपर उठ रहा है और दवाइयों से लेकर सब्ज़ी दालों खाद्य तेल सहित हर उपभोक्ता वस्तु के दामों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है वही दूसरी ओर कमर्शियल गैस सिलिंडर के दामों में दो महिनों में तीन बार हुई कुल ३५७ रुपये की बढ़ोतरी से होटलों रेस्टोरेंट्स रेहड़ी पटरी और खोमचों में बिकने वाले फ़ूड आइटम्स में भी अप्रत्याशित बढ़ोतरी होना लाजमी है.
गौरतलब है की यूक्रेन पर रूस के हमले के चलते और अंतर्राष्ट्रीय कच्चे तेल के दाम के १०७.७७ डॉलर प्रति बेrल होना जैसे कई कारण हैं जिनके चलते पेट्रो प्रोडक्ट्स के दामों में वृद्धि हो रही है लेकिन देश के विरोधी दल ऐसा नहीं मानते और केंद्र सरकार पर गरीब विरोधी होने का आरोप लगा रहे हैं.