कत्यूर घाटी से आरम्भ हुई बन्दरों के आतंक से पहाडी खेती बचाने की मुहीम
-गोविन्द गोपाल
आज गरुड़ बागेश्वर में समाज के बुद्धजीवी और समझदार तबके ने आगे आकर बंदरों आदि जंगली जानवरों से चौपट हो रही पर्वतीय आर्गेनिक खेती को बचाने की मुहीम का श्रीगणेश प्रसिद्ध गांधी चबूतरे गरुड़ से किया . अभियान का नेतृत्व कर रहे अधिवक्ता श्री डी के जोशी ने बताया कि ये मुहीम आम जनता की है और इसमें सभी का सहयोग अपेक्षित है .
गांधी चबूतरे में सभा के बाद एक बैठक का आयोजन किया गया. इस सभा में अभियान की आगे की रणनीति तय करने और उसके क्रियान्वयन हेतु कमेटी गठित करने का निर्णय किया गया. कल तक कमेटी का स्वरूप सबके सामने आने की संभावना है . इसके अतिरिक्त दिन प्रतिदिन की गतिविधि रिपोर्ट सार्वजनिक साझा की जाने की समझ बनी .
मुहीम के नेतृत्व ने ये तय पाया कि एक सप्ताह के भीतर यदि बंदरों के आतंक से रोकथाम के प्रयास ज़िम्मेदार विभाग द्वारा नहीं किए गए तो आगामी 10 फ़रवरी को विशाल जनसमूह बैजनाथ में एकत्रित होगा. जिसके लिए २४ जनवरी से ही घर घर जन संपर्क अभियान प्रारंभ कर दिया जाएगा.
मुहीम में शामिल लोगों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित हुआ . दरशानी गांव की महिला मंडल के सहयोग की सराहना की गयी . ग्राम प्रधान श्री भोलादत पान्डेय जी और महिला वाड मेम्बरो को अनमोल सहयोग योगदान से भी इस मुहीम को बल मिला है . इसके अतिरिक्त आम जन के खुलेमन से शामिल होने पर मुहीम चलाने वाले उत्साहित दिखाए दिए .