और सब को रुला गया , वो सब को हँसाने वाला

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URMI NEGI , PRODUCER, DIRECTOR, ACTOR, SCRIPT WRITER ( UTTARAKHANDI FILMS)

*और सब को रुला गया , वो सब को हँसाने वाला *

. तुम्हारा यूँ अचानक चले जाना स्तब्ध कर गया मित्र , एक आघात दे गया हृदय को , जो पीड़ा से क्रंदन कर रहा है …

हाँ तुम , परम मित्र थे मेरे , मेरे सखा मेरा सह कलाकार , पर मित्र होने पर भी हमेशा तुम्हें घना जी कह कर ही सम्बोधित करती रही वजह थी एक कलाकार के रूप में तुम्हारा वो विराट स्वरूप , जो श्रद्धा और सम्मान को
Demand नहीं command करता था .

इंडस्ट्री का वो एकमात्र मित्र , जिसके समक्ष मैं अपना दिल खोल कर रख देती थी .. कभी अगर किसी कष्टप्रद प्रसंग के चलते मैं भावुक हुयी हूँ तो तत्क्षण तुम अपने सकारात्मक शब्दों से , अपने Humour से मुझे अवसाद से मुक्त कर देते थे , और मैं खिलखिला पड़ती थी ..

ये शक्ति तुम्हें ईश्वर ने प्रदान की थी , सिर्फ़ तुम्हें मेरे मित्र , कि तुम रोते हुओं के चेहरों पर मुस्कान लादो ..

 तुम मित्र  थे मेरे .. और इस मित्रता को मैं पर्दे पर भी उतारना चाहती थी तभी तो अपने बनाये हिंदी सीरियल  मैंने तुमसे , अपने *दग्ड्या * का ,जो कि तुम्हारी छवि के विपरीत एक बहुत ही इमोशनल रोल था ,करने का आग्रह किया था , और तुमने मुझे उपकृत किया था मेरे आग्रह को स्वीकार कर … और क्या ख़ूब निभाया था तुमने पात्र … और सिद्ध कर दिया था कि  अभिनय में तुम्हारी  सीमाएँ कितनी विशाल हैं .. 

तुम सच्चे मित्र थे मेरे , तभी तो हर मंच से तुम बढ़ा चढ़ा कर मेरी प्रशंसा करते नहीं थकते थे , और मैं सामने बैठी सकुचाती रहती , पूछने पर कहते , ठीकि त बोलि मिन, यामा ग़लत क्या च सच कितने विशाल हृदय के थे तुम , कितने सरल , कितने निष्कपट .. स्वयं इतने मशहूर – महान कलाकार होते हुये भी दूसरे को सम्मान देने में कोई कृपणता नहीं करना ….

मेरे मित्र , मैं तुम पर नाज़ करती हूँ , क्योंकि शायद ही कोई ऐसा उत्तराखंडी होगा , जिसके हृदय पर तुमने राज न किया हो एक कलाकार के तौर पर और एक बेहतरीन इंसान के तौर पर ..

और मैं भली भाँति जानती हूँ कि अब तुम जिस दुनिया में गये हो , वहाँ पर भी सबके दिलों पर राज कर रहे होंगे .. सबके चेहरों पर मुस्कान होगी , सभी आल्हादित होंगे तुम्हें अपने मध्य पाकर .. क्योंकि हर कोई तुम्हें पाना चाहता है , खोना नहीं….. पर इस विधि के विधान के चलते मैं तुम्हें खो चुकी हूँ ..

सोच सोच कर सिहर उठती हूँ कि शूटिंग के दौरान हंसी ठिठोली कर माहौल को हमेशा ख़ुशगवार बनाये रखने वाला वो दग्ड्या अब मेरे साथ नहीं होगा ..

ब्रह्मांड में असीमित शक्तियाँ हैं , शायद ये संदेश मेरे मित्र तक पहुँचा दें… कि तुम बहुत याद आओगे बहुत .. तुम्हारा स्थान कोई नहीं भर पायेगा , न कला के क्षेत्र में , और न निजी तौर से मेरे जीवन में … तुम एक थे .. सिर्फ़ एक .. और ऐसे विरले सदियों में एक बार जन्म लेते हैं ..

और हाँ वादा करो , हमेशा हँसते रहोगे , मुस्कुराते रहोगे …
और मैं भी मुस्कुराती रहूँगी , तुम्हारे साथ बिताये हुये उन अविस्मरणीय सुखद पलों को याद करके , क्योंकि चेहरों पर मुस्कुराहट लाने में तुम पारंगत थे , और रहोगे हमेशा — हमेशा …

तुम्हारी दग्ड्या
ऊर्मि

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