एम्एस पी पर बनी कमेटी को रद्द किया जाय , किसानों के प्रतिनिधियों को शामिल करें नयी कमिटी में

19 जुलाई 2022

अखिल भारतीय किसान महासभा (AIKM) ने केंद्र सरकार द्वारा एमएसपी व अन्य मुद्दों पर बनाई गई कमेटी को देश के किसानों के साथ धोखा करार दिया है. किसान महासभा ने इस कमेटी को तत्काल भंग करने की मांग की है.

किसान महासभा ने जोर देकर कहा है कि केंद्र सरकार स्वामीनाथन आयोग द्वारा फसलों की एमएसपी के लिए दी गई सिफारिश (C2+50%) को सभी तरह की कृषि उपजों पर तत्काल लागू करे. फिर इस एमएसपी को कानूनी गारंटी का कानून बनाए. वर्तमान में बनी wto समर्थक सरकारी और आरएसएस-भाजपा से जुड़े सदस्यों की भरमार वाली इस कमेटी में एमएसपी कानून पर चर्चा करने की कोई गुंजाइश ही नहीं है. कमेटी के अध्यक्ष पूर्व कृषि सचिव संजय अग्रवाल हैं जिन्होंने तीनों किसान विरोधी कानून बनाए. उनके साथ नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद भी हैं जो इन तीनों कानूनों के मुख्य पैरोकार रहे. विशेषज्ञ के नाते वे अर्थशास्त्री हैं जो एमएसपी को कानूनी दर्जा देने के विरुद्ध रहे हैं.

इस समिति के एजेंडे में कृषि उपज के विपणन में सुधार व जैविक खेती जैसे एजेंडे घुसाए गए हैं, जबकि एमएसपी गारंटी कानून की चर्चा तक नहीं है. किसान महासभा ने समिति के एजेंडे को स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार एमएसपी के लिए गारंटी कानून तक ही सीमित रखने की मांग की है.

अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव पुरुषोत्तम शर्मा के मुताबिक ने एक नई कमेटी बनाने की माँग की है. इसमें आंदोलनरत राष्ट्रीय स्तर के सभी किसान संगठनों के प्रतिनिधि, पंजाब, हरियाणा के किसान संगठनों की ओर से एक-एक प्रतिनिधि, कृषि विशेषज्ञ जिनमें किसानों के पक्ष में आवाज उठाने वाले विशेषज्ञ भी हों, और सरकार के प्रतिनिधि शामिल हों. कमेटी की संरचना ऐसी हो जिसमें आधे प्रतिनिधि किसान संगठनों से हों.
कमेटी के कार्यकाल को एक निश्चित समय सीमी दी जाय।

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