उत्तराखंड के रजत जयंती स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में यूईएम, पीतमपुरा द्वारा दिल्ली हाट पीतमपुरा में एक भव्य सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया।



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उत्तराखंड एकता मंच, पीतमपुरा ने 9 नवंबर की शाम को दिल्ली हाट, पीतमपुरा में उत्तराखंड के रजत जयंती वर्ष और स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में एक भव्य समारोह का आयोजन किया। उत्तराखंड का गठन 9 नवंबर 2000 को छियालीस आंदोलनकारियों की अमूल्य शहादत के बाद हुआ था। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होना था, लेकिन अपनी व्यस्तता के कारण वे नहीं आ सकीं।
हालांकि, दिल्ली विधानसभा के उपाध्यक्ष और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से छह बार विधायक रहे मोहन सिंह बिष्ट कार्यक्रम में शामिल हुए और अंत तक वहीं रहे।कार्यक्रम में न्यूज नेशन चैनल के प्रधान संपादक मनोज गैरोला, उत्तराखंड अकादमी के सचिव संजय गर्ग, पूर्व एसडीएम सुबोध रावत सहित विशिष्ट अतिथि मौजूद रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों और उत्तराखंड एकता मंच, पीतमपुरा के पदाधिकारियों द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इस अवसर पर कुमाऊँ और गढ़वाल के कई प्रख्यात गायकों विवेक नौटियाल और दुर्गा सिंह द्वारा उत्तराखंड के मनमोहक गीत प्रस्तुत किए गए, जिनमें भावना जोशी द्वारा एक प्रभावशाली नृत्य प्रस्तुति भी शामिल थी।
इस अवसर पर दिल्ली में उत्तराखंड की कई प्रमुख हस्तियों को सम्मानित किया गया, जिनमें प्रमुख उद्यमी और सामाजिक कार्यकर्ता के.एस. बिष्ट, बलवंत सिंह नेगी, सुनील नेगी, वरिष्ठ पत्रकार राखी बिष्ट, स्वर्ण पदक विजेता शिक्षिका और प्रख्यात अभिनेत्री मंजू बहुगुणा शामिल थीं।
न्यूज़ नेशन चैनल के प्रधान संपादक श्री मनोज गैरोला को भी पट्टा और ऐपण देकर सम्मानित किया गया।
उत्साही जनसमूह को संबोधित करते हुए, दिल्ली विधानसभा के उपमुख्यमंत्री और न्यूज़ नेशन के प्रधान संपादक मोहन सिंह बिष्ट और मनोज गैरोला ने दिल्ली विधानसभा और एमसीडी में अपनी पर्याप्त हिस्सेदारी के लिए उत्तराखंडियों के बीच एकता की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लोग राष्ट्रीय राजधानी में जीवन के हर क्षेत्र सहित सरकार के भीतर और बाहर सभी शीर्ष पदों पर हैं, जिनकी संख्या पच्चीस से तीस लाख है, लेकिन राजनीतिक सत्ता में साझेदारी में कमी है, जिसका कारण एकता का अभाव है।
इसलिए दोनों वक्ताओं ने दिल्ली में उत्तराखंड के लोगों के बीच, चाहे उनकी विचारधाराएँ कुछ भी हों, एकता की आवश्यकता पर बल दिया ताकि वे एक प्रभावशाली शक्ति बन सकें और राष्ट्रीय राजधानी की सत्ता में उचित हिस्सेदारी प्राप्त कर सकें।
इस अवसर पर उत्तराखंड एकता मंच की स्मारिका का विमोचन भी किया गया।
दर्शकों ने इस मनमोहक संगीत संध्या का भरपूर आनंद लिया और कार्यक्रम के अंत में उन्हें स्वादिष्ट रात्रिभोज का आनंद मिला। बधाई। लोगों की भारी उपस्थिति ने कार्यक्रम को उल्लेखनीय और अत्यंत प्रभावशाली बना दिया।




