उत्तराखंड की राज्यसभा सीट के बहाने टिहरी चर्चा में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान यात्रा से लौट आए हैं,आज पहले कैबिनेट की बैठक और उसके बाद भाजपा कोर कमेटी राज्य इकाइयों से तैयार पैनल हाईकमान को जल्दी भेजने की कहेगी। सूत्र बताते हैं की उत्तराखंड की राज्यसभा सीट के लिए उत्तराखंड भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ बाकी डमी नाम ही तैयार किए हैं।
सुनने में आया है की दिल्ली से टिहरी की भिलंगना घाटी के वरिष्ठ शिक्षाविद,पत्रकार और केंद्रीय मंत्री श्री पीयूष गोयल के सलाहकार प्रो.सूर्य प्रकाश सेमवाल की दावेदारी ने मामला रोचक बना दिया है।
बड़ी बात ये है की उत्तराखंड की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं और बुद्धिजीवियों ने राज्य नेतृत्व को भी हाईकमान की सूची में शामिल प्रो.सेमवाल के नाम को पैनल में जोड़ने का आग्रह किया है। गौर तलब है की प्रो.सेमवाल ने टिहरी गढ़वाल की बदहाली और उपेक्षा पर लंबे समय से केंद्रीय नेतृत्व का ध्यान आकर्षित किया है। उनका तर्क यही है कि राज्य के नेताओं ने क्षेत्रवाद के कारण तिहती की घर उपेक्षा की है। अस्सी के दशक से घोषित पांचवां धाम खतलिंग हो या केदारनाथ का परंपरागत मार्ग घुत्तू पंवाली त्रियुगीनारायण या घनसाली को जिला बनाने की बात ,गूंगी बहरी टिहरी से सौतेला व्यवहार हुआ है।
पिछले 30 वर्षों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा में समर्पित भाव से कार्य करने वाले प्रो.सेमवाल ने हाईकमान से या तो खुद को अथवा केंद्रीय मंत्री श्री पीयूष गोयल को राज्यसभा भेजने का आग्रह किया है।
पत्रकारों व अधिवक्ताओं की सी वाकपटुता, विवेकशीलता, विषयबोध तथा कार्य संचालन कौशल व दूरदर्शिता का एक नेता में होना बहुत आवश्यक श्या है। वोट जुटाने के साथ साथ वोट कमाना भी अत्यंत आवश्यक है। इन आहर्ता के आधार पर राज्य सभा की सदस्यता का चयन होना चाहिये।