उत्तराखंडी सामाजिक संगठनों ने पेपर लीक कांड में सीबीआई जांच की मांग की

कुशाल जीना
नई दिल्ली: उत्तराखड़ी सरोकारों के प्रति सजग संगठनों के समूह ने प्रदेश में परीक्षा पत्र लीक से जन्मे जन आक्रोश का समर्थन करते हुए मामले की तुरंत सीबीआई जांच कराए जाने की मांग की है।
प्रादेशिक सामाजिक और राजनीतिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने कल यहां प्रेस क्लब में हुई एक संकल्प बैठक में प्रदेश की भाजपा सरकार पर इस गंभीर मामले को सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार में आकंठ लिप्त है और वास्तविकता से ध्यान बांटने के लिए सांप्रदायिक वैमनस्यता फैलाने की कोशिश कर रही है।
याद रहे प्रदेश की भाजपा सरकार ने इस पेपर लीक विरोधी आंदोलन को नकल जेहाद करार दिया है क्योंकि इस समस्त कांड में एक अपराधी का नाम आया है जो कि मुस्लिम है जबकि समूचे अपराध का सरगना हाकिम सिंह है जिसके बारे में सरकारी संरक्षण प्राप्त होने का दावा किया जा रहा है।
इस मामले को लेकर राज्य के युवाओं और छात्रों में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है और वे मामले की गहन जांच की मांग को लेकर देहरादून में पिछले कई दिनों से शांतिपूर्ण धरने पर बैठे हैं।
इस संकल्प बैठक को रावत के अलावा अनिल पंत, गुसाईं, कुशाल जीना आदि ने संबोधित किया। बैठक की अध्यक्षता वरिष्ठ समाज सेवी पंचम सिंह रावत ने की
इस बैठक को संबोधित करते हुए वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता हरिपाल रावत ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रदर्शनकारी छात्रों और युवाओं के इस स्वयंस्फूर्त आंदोलन को ताकत के बल पर दबाने की कोशिश कर रही है जबकि आवश्यकता मसले की हकीकत में जानें कि है जोकि सरकार नहीं कर रही है।
बैठक में सर्वसम्मति से यह फैसला भी लिया गया कि उत्तराखंड को समय-समय पर उठने वाली गंभीर समस्याओं से निजात दिलवाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों पर दबाव डालने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर का संगठन जल्दी ही गठित किया जाएगा जिसमें प्रदेश की सभी प्रगतिशील संगठनों का व्यापक प्रतिनिधित्व होगा। प्रस्तावित संगठन की रूपरेखा तैयार करने का जिम्मा कोटनाला को सौंपा गया। साथ ही सामाजिक कार्यकर्ता अजय नेगी को संगठन के सोशल नेटवर्क से जुड़े मामलों की जिम्मेदारी दी गई।
अपने संबोधन में रावत ने प्रदेश में व्याप्त बेरोजगारी के उन्मूलन के लिए वहां के बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
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