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Uttrakhand

उत्तरांचल उत्थान परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र लाडवाल द्वारा आयोजित सम्मेलन में जमीनी स्तर पर काम कर रहे उद्यमियों को इंडिया हैबिटेट सेंटर में अपने विचार व्यक्त करने का अवसर मिला।

उत्तराखंड उत्थान परिषद का एक दिवसीय अधिवेशन उत्तराखंड के चंपावत के एक प्रतिष्ठित उद्यमी नरेंद्र लडवाल के नेतृत्व में इंडिया हैबिटेट सेंटर में आयोजित किया गया। इस अवसर पर उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में जमीनी स्तर पर अपने घरेलू उत्पादों को बढ़ावा देने और उन्हें अपने ब्रांड नाम से खुले बाजार में बेचने में सक्रिय बड़ी संख्या में एनजीओ और सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद थे, जो सरकारी मदद मांग रहे थे और साथ ही समाज के सबसे निचले तबके को सशक्त बनाने के लिए अपने अनुभवों, कठिनाइयों और बाद की उपलब्धियों को दर्शाते हुए अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने खुद को, महिलाओं, युवाओं, ग्रामीणों और अन्य लोगों को सशक्त बनाया। ऐसे कई भाषणों में उत्कृष्ट उपलब्धियों को स्क्रीन पर भी प्रदर्शित किया गया ताकि दर्शकों को उत्तराखंड के दूरदराज के गांवों में कोविड के समय से पहले और बाद में अथक परिश्रम करने वाले एनजीओ कार्यकर्ताओं की इन उत्कृष्ट और असाधारण उपलब्धियों का सूक्ष्म और बेहतर विचार मिल सके। रिवर्स माइग्रेशन को सक्षम और प्रोत्साहित करने के लिए, जो उत्तराखंड के समग्र विकास के रास्ते में सबसे बड़ी कमी रही है।

उत्तराखंड के विभिन्न भागों में इन क्षेत्रों में काम करने वाले लोग सर्वोच्च प्रशंसा के पात्र हैं, जिन्होंने जल संरक्षण, लुप्त हो रहे हमारे नौलों और जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने, 80 प्रतिशत भूमि बंजर होने के कारण लोगों द्वारा अपने खेतों में हल न चलाने, चीड़ के पेड़ों की वृद्धि को कम करने के लिए प्रयास और पहल करने तथा इसके स्थान पर बांज के वृक्षों का विशाल रोपण करने, जमीनी स्तर पर काम करते हुए बच्चों को एंबुलेंस, स्वास्थ्य सुविधाएं और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने, बाग-बगीचों का अच्छे पैमाने पर प्रबंधन करने, हमारे व्यंजनों को विकसित करने और बेचने, यहां तक ​​कि विभिन्न स्वादिष्ट रूपों में पहाड़ी नमक को बेचने, अपने स्वयं के खर्च पर विद्यालयों का जीर्णोद्धार करने तथा अच्छे डेस्क, स्कूल फर्नीचर और यूनिफॉर्म सहित स्टेशनरी तथा चिकित्सा उपकरणों सहित एंबुलेंस आदि उपलब्ध कराने जैसे मुद्दों पर काम किया।

संगोष्ठी सह अधिवेशन का शुभारंभ सुबह मुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया।

उत्तरांचल उत्थान परिषद के महासचिव राजेश थपलियाल द्वारा उत्तरांचल उत्थान परिषद की विस्तृत पृष्ठभूमि और भावी कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला गया।

सुबह के सत्र में परिषद के प्रमुख नरेंद्र लडवाल, आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचारक शैलेंद्र ने संयुक्त रूप से हिस्सा लिया, जबकि अध्यक्षता तारा दत्त उप्रेती ने की।

दूसरे सत्र में राष्ट्रीय सेवा भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव सुधीर ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया तथा संजय जोशी ने सभी को दर्शकों से परिचित कराया।

राज्य संचालन डॉ. रवींद्र कुमार नेगी ने किया।

इस अवसर पर बोलने वालों तथा अपने अनुभवों, विचारों तथा अपने प्रयासों के दौरान आई कठिनाइयों को साझा करने वालों में पूर्व एसीपी स्पेशल सेल ललित मोहन सिंह नेगी, पांच राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता ललित मोहन सिंह नेगी, डॉ. अमरनाथ, जीएम कोऑपरेशन इंडिया हैबिटेट सेंटर जो नौला फाउंडेशन भी चलाते हैं, साध्वी प्रज्ञा भारती, चंदन डांगी, उत्तराखंड के गढ़वाल तथा कुमाऊं मंडल से अपने खेतों में सबसे ऊंचे धनिया के पौधे उगाने वाले गिनीज रिकॉर्ड धारक तथा उत्तराखंड के एप्पलमैन के रूप में विख्यात गोपाल उप्रेती, गोपाल उप्रेती, मोहन सिंह, शशि रतूड़ी, (पहाड़ी नमक की प्रसिद्ध महिला उद्यमी) टी.सी. उप्रेती, भगवान सजवाण, अतुल पांडे, हरीश बश्लियाल, रूपेश, नेहा जोशी तथा अतुल रावत आदि शामिल थे। इस अवसर पर अनेक उद्यमियों तथा ग्राम पंचायत स्तर पर कार्य करने वालों को पुरस्कृत किया गया। उत्तराखण्ड उत्थान परिषद का अधिवेशन सह संगोष्ठी एक बड़ी सफलता थी। इस अवसर पर उपस्थित प्रमुख व्यक्तियों में श्री राजा, उत्तराखण्ड से अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त व्यक्तित्व, श्री उपाध्याय, अध्यक्ष, सी.डी.ओ.टी., के.सी.पाण्डेय, प्रख्यात उद्यमी एवं प्रख्यात समाजसेवी, ललित मोहन नेगी, सलाहकार डी.पी. एवं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से पांच बार स्वर्ण पदक विजेता, टी.एस.भण्डारी, प्रख्यात उद्यमी, वरिष्ठ पत्रकार सी.एम.पपनेई, सुनील नेगी, सम्पादक यू.के.नेशन न्यूज, पूनम बिष्ट, नवभारत टाइम्स, विमल उनियाल, रंगकर्मी एवं अभिनेता आदि शामिल थे।

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