Uttrakhand

उक्रांद ने उठाई भाजपा की पौड़ी जिला पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी रचना बुटोला के नामांकन को रद्द करने की मांग…

उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय उपाध्यक्ष आशुतोष नेगी ने जिलाधिकारी /रिटर्निंग ऑफिसर,त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव,पौड़ी गढ़वाल,स्वाति भदौरिया को प्रत्यावेदन प्रेषित कर,कल 14 अगस्त 2025 को पौड़ी जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिये होने वाले मतदान से ठीक पहले,भाजपा प्रत्याशी श्रीमती रचना बुटोला के नामांकन को रद्द करने की मांग की है।नेगी ने जिला पंचायत पौड़ी गढ़वाल में एम/एस बुटोला एंटरप्राइजेज के माध्यम से भ्रष्टाचार एवं पद का दुरुपयोग करने के मामले में आरोपी/दोष सिद्ध भाजपा जिला पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी श्रीमती रचना बुटोला का नामांकन रद्द करने और तदनुसार अग्रिम कानूनी कार्रवाई करने के संबंध में कानूनी तर्क भी दिये हैं।उक्रांद उपाध्यक्ष नेगी ने प्रत्यावेदन में लिखा है कि “आपके संज्ञान में एक गंभीर भ्रष्टाचार एवं हितों के टकराव का मामला लाना चाहता हूँ,जो जिला पंचायत पौड़ी गढ़वाल में घटित हुआ है।यह मामला भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम,भारतीय दंड संहिता/भारतीय न्याय संहिता और उत्तराखंड पंचायत राज अधिनियम, का स्पष्ट उल्लंघन है।इसकी आरोपी/दोष सिद्ध ,श्रीमती रचना बुटोला,तत्कालीन जिला पंचायत उपाध्यक्ष हैं,जो कल 14 अगस्त 2025 को जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव हेतु होने वाले मतदान में भाजपा की प्रत्याशी हैं।रचना बुटोला का भाजपा प्रत्याशी के रूप में नामांकन निम्न आधार पर निरस्त करने की कृपा करें।

1. श्रीमती रचना बुटोला,जो उस समय जिला पंचायत उपाध्यक्ष के पद पर थीं और उनके पति श्री प्रवीण बुटोला,एम/एस बुटोला एंटरप्राइजेज नामक फर्म के मालिक/साझेदार हैं।

2. इस फर्म ने जिला पंचायत पौड़ी गढ़वाल के कई कार्यों के ठेके प्राप्त किए और लाखों रुपये का भुगतान लिया।

3. निर्वाचित जनप्रतिनिधि होने के बावजूद,श्रीमती रचना बुटोला ने अपने पद के अधीन आने वाले निकाय से सीधे/अप्रत्यक्ष रूप से ठेके प्राप्त किए,जो उत्तराखंड पंचायत राज अधिनियम,के तहत अयोग्यता की श्रेणी में आता है।

4. यह कार्य भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत आपराधिक दुराचार है,क्योंकि पद का दुरुपयोग कर आर्थिक लाभ अपने परिवार को पहुँचाया गया

5. टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता न रखते हुए हितों का टकराव (Conflict of Interest) छिपाया गया।

6. इस भ्रष्टाचार की जांच में पुष्टि होने के बाद,जिला पंचायत पौड़ी के दो तदर्थ कनिष्ठ अभियंताओं सुदर्शन सिंह रावत और आलोक रावत को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है,क्योंकि उनकी पत्नियों की 25-25% हिस्सेदारी एम/एस बुटोला एंटरप्राइजेज में थी,जिसने ₹1.47 करोड़ से अधिक के जिला पंचायत के सरकारी ठेकों का भुगतान प्राप्त किया। उन्होंने यह हित (stake holding) विभाग से गोपनीय रखा था,जो नियमों का स्पष्ट उल्लंघन था। जांच में यह भी पाया गया कि आलोक रावत का भाई अखिलेश रावत भी जिला पंचायत के कार्यों में ठेकेदार के रूप में शामिल था, जो सेवा नियमों के विरुद्ध था।सुदर्शन रावत को पहले ही अक्टूबर 2024 में निलंबित किया गया था और जांच रिपोर्ट मिलने के बाद दोनों अभियंताओं की सेवाएं समाप्त कर दी गयीं,प्रभावी रूप से उनकी बर्खास्तगी उनकी निलंबन तिथि से लागू कर दी गयी।

नेगी ने प्रत्यावेदन में लिखा है कि इस मामले में किसी अतिरिक्त जांच की आवश्यकता नहीं है,क्योंकि यही कानूनी प्रावधान और नियम जो बर्खास्त अभियंताओं पर लागू हुये हैं,वो ही तत्कालीन जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती रचना बुटोला पर भी लागू होते हैं,जिन्होने जिला पंचायत के जिम्मेदार पद पर आसीन रहते हुई अपने पति श्री प्रवीण बुटोला की कंपनी एम/एस बुटोला एंटरप्राइजेज को सीधा आर्थिक लाभ पहुंचाया। उक्रांद उपाध्यक्ष ने जिलाधिकारी से अपेक्षा व्यक्त की है कि वे उक्त मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम,भारतीय दंड संहिता/भारतीय न्याय संहिता,उत्तराखंड पंचायत राज अधिनियम,आदि के अंतर्गत श्रीमती रचना बुटोला और इनके पति श्री प्रवीण बुटोला के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर,अपेक्षित कानूनी कार्रवाई और भ्रष्टाचार से अर्जित संपत्ति की जब्ती की संस्तुति की कार्रवाई भी करेंगी।नेगी ने कहा है कि जिलाधिकारी के स्तर से अपेक्षित कार्रवाई न होने पर उक्त बड़े भ्रष्टाचार के प्रकरण में वे उच्च न्यायालय का रुख करने पर भी मजबूर होंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button