आखिर क्यों छोड़ी उत्तराखंड में तीन नेताओं ने कांग्रेस और ज्वाइन की आप
उत्तराखंड कांग्रेस को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं . जब से कांग्रेस पार्टी के उत्तराखंड में सरकार बनाने के सपने चकनाचूर हुए हैं , तब से पार्टी के भीतर नेताओं का सब्र टूटने लगा है. बात यहीं तक सीमित होती तो और बात थी लेकिन कांग्रेस के पूर्व मुख़्यमंत्री हरीश रावत और उनसे छत्तीस का आंकड़ा रखने वाले पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह के बीच अभी भी सर फुट्टवल की स्थिति बनी हुई है . दोनों नेता और उनके गुट एक दूसरे को नीचे दिखाने की जुगत में लगे पड़े हैं , पार्टी के सभी नेता अपने अपने स्तर पर कांग्रेस के झंडे तले पार्टी के कार्यक्रमों को अपने अपने स्तर पर अंजाम देने की कोशिशों में लगे हैं जबकि वरिष्ठ नेता हरीश रावत सोशल मीडिया से लेखर ग्राउंड लेवल पॉलिटिक्स में अत्यधिक सक्रीय दिखाई दे रहे हैं लेकिन अपने व्यक्तिगत कोशिशों से ! पिछली प्रेस कांफ्रेंस में हरीश रावत गणेश गोदियाल और करन महारा उपस्थित थे लेकिन पूर्व विपक्षी नेता प्रीतम सिंह नदारद थे . मंगलवार को प्रीतम सिंह , हरक सिंह रावत से मिलने गए जिसके अलग मायने लगाए जा रहे हैं. ऐसा कहा जा रहा है की हरीश रावत के विरुद्ध हरक सिंह रावत और प्रीतम सिंह की कुछ नयी खिचड़ी पक रही है. खाकर इसलिए भी क्योंकि, डॉ हरक सिंह रावत का भी प्रीतम सिंह की तरह हरीश रावत से छत्तीस का आंकड़ा रहा है और उन्हें . (डॉ सिंह )भाजपा से कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद भी टिकट नहीं दिया गया था. जाहिर बात हैं की प्रीतम सिंह और डॉ हरक सिंह की यह मीटिंग के कुछ राजनैतिक मायने जरूर निकलेंगे आने वाले दिनों में हरीश रावत गुट के खिलाफ , ऐसा मानना है राजनैतिक समीक्षकों का . बहरहाल कल कांग्रेस को उत्तराखंड में तब एक और झटका लगा जब उसके तीन नेता आम आदमी पार्टी में शामिल हुए, जिन्हे दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सीसोदिया ने पार्टी की सदस्यता दिलाई. इस मौके पर कांग्रेस के पूर्व वरिष्ठ नेता जो अब आम आदमी पार्टी में हैं जोट सिंह बिष्ट भी उपस्थित थे . जिन तीन कांग्रेस के नेताओं ने आम आदमी पार्टी को ज्वाइन किया उनके नाम हैं महिला कांग्रेस नेत्री कमल रमन , वरिष्ठ नेता डॉ. आर पी रतुरी और आईटी विशेषज्ञ कुलदीप चौधरी. कमल रमन कांग्रेस महिला की उपाध्यक्ष रह चुकी है. आम आदमी पार्टी के उत्तराखंड के इंचार्ज मोहनिया ने बताया की पार्टी – प्रदेश में जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत बनाने की दिशा में जोर शोर से कार्य कर रही है. आप में शामिल नेताओं ने कहा की कांग्रेस में चल रही आपसी गुटबाजी और कार्यकर्ताओं की कोई पूछ न होने के कारन उन्होंने कांग्रेस से नाता तोडा है और आप ज्वाइन की. ज्ञात रहे की उत्तराखंड कांग्रेस में फॅक्शनलिस्म कोई नयी बात यही है , पिछले कई वर्षों से पार्टी में गुटबाजी हावी रही जिसके चलते २०१६-१७ में हरीश रावत की सरकार से बगावत कर पार्टी के ९ विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे जिनमे मुख्य नाम थे सतपाल महाराज , विजय बहुगुणा , डॉ. हरक सिंह रावत , सुबोध उनियाल , यशपाल आर्य आदि. हालांकि ऐन चुनावो के वक़्त यशपाल आर्य, उनका बेटा संजीव आर्य ( दोनों विधायक , मंत्री) हरक सिंह रावत – बाद में भाजपा से कांग्रेस में आ गए थे . गौरतलब है की कुछ महीनों पहले आप के दो महत्वपूर्ण स्थम्ब कर्नल रिटायर्ड अजय कोठियाल और प्रदेश अध्यक्ष बाली भी आप छोड़ कर भाजपा की शरण में चले गए थे. लेकिन बावजूद इसके “आप, को कोई फरक नहीं पड़ा क्योंकि उत्तराखंड में पूरा चुनाव हारने के बाद उसके पास खोने को कुछ नहीं है .