अनुज जोशी लिखित व निर्देशित उत्तराखण्डी फिल्म “गढ़-कुमौं” 3 जनवरी से जैपुरिया और वेगास मॉल, इंदिरापुरम व द्वारका में
SATISH KALESHWARI WITH SUNIL NEGI उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाउ के दो क्षेत्रों के आपसी संबंधो की दिल छू लेने वाली कहानी को उकेरती व सम्मोहित कर देने वाली मूवी है – अनुज जोशी लिखित व निर्देशित उत्तराखण्डी फिल्म “गढ़-कुमौं”।
यह पहली फिल्म है जो उत्तराखंड की दो दुदबोलि कुमाउनी और गढ़वाली में बनी है। यह अनुज जोशी का बहुत बड़ा विजन था कि दोनों क्षेत्रों के आपसी संबंधों में शताब्दी पुरानी जमी बर्फ को पिघलाने की कोशिश को सिल्वर स्क्रीन पर उतारा जाए।
इसी कहानी को एक सशक्त स्क्रिप्ट के रूप में गढ़कर बनी है यह मूवी “गढ़- कुमौं”। इस मूवी की ख़ासियत है कि मूवी को भाषाई स्वाभाविकता व क्षेत्रीय शुद्धता देने के लिए कुमाउनी किरदार को कुमाउनी कलाकारों व गढ़वाली किरदारों को गढ़वाली कलाकारों ने अभिनीत किया है। यहां तक की युगल गीतों को भी आधा कुमाउनी गीतकार व आधा गढ़वाली गीतकार ने लिखा है।
इस कहानी में ना कोई पक्ष विजेता है ना कोई पराजित, हां यदि कोई विजयी है तो वह है उत्तराखंडियत। अपनी परम्पराओं व रूढ़ियों के भय से दो युवा प्रेमियों के प्रेम को एक सुखद अंजाम तक पहुंचने से पहले ही तोड़ने के लिए आतुर बैठा समाज पूरी कोशिश करता है कि इनकी दोस्ती कभी परवान ना चढ़ पाए।
इसके आगे क्या होता है इसका आनंद आप मूवी देकर ही उठा सकते हैं।
इस फिल्म में उत्तराखंड रंगमंच और सिनेमा के जाने-माने चेहरों ने काम किया है। उत्तराखंड के फिल्म और रंगमंच के सुपरिचित नाम संजय सिलोड़ी, अंकिता परिहार, राकेश गौड़, हेम पंत, पुष्पा जोशी, गीता गुसाईं नेगी, रमेश ठंगरियाल, गोकुल पंवार, गंभीर सिंह जियाड़ा, हरी सेमवाल आदि ने अपने भावपूर्ण अभिनय से फिल्म को बहुत ही स्वाभाविक व देखने योग्य बना दिया है। गीत जितेन्द्र पंवार और गोपाल मठपाल ने लिखे हैं। आवाज दी है मीना राणा, जितेन्द्र पंवार और संगीत से संवारा हे अमित वी कपूर ने।
12 दिसम्बर, 2024 को फेसबुक में इस फिल्म की समीक्षा लिखते हुए वरिष्ठ पत्रकार व संस्कृतिवद् चारु तिवारी कहते हैं “ग्लोबल होती दुनिया में रिश्तों में जमी बर्फ का पिघलना जरूरी है।”
फिल्म की इसी टैग लाइन के साथ “खुशी फिल्मस्” , अनुज जोशी व राकेश गौड़ टीम आप सभी से निवेदन करती है कि दोपहर 3 जनवरी 2025 से इन्द्रापुरम ग़ाज़ियाबाद के जयपुरिया मॉल व द्वारिका दिल्ली के वेगास मॉल में अपने परिवार जनों, मित्रो व पड़ोसियों के साथ इस बेहतरीन फिल्म को देखने अवश्य पहुंचें।
निवेदन है कि उत्तराखंड की फिल्मों के लिए, आपका टिकट के रूप में थोड़ा सा सहयोग, इस इंडस्ट्री के फिल्म निर्माताओं, कलाकारों, गीतकारों, संगीतकारों व तकनीशियनों को रोज़गार मुहैय्या करवाता है।