दिल्ली चुनाव में कांग्रेस की निराशाजनक हार, तीसरी बार शून्य हासिल कर बनाई हैट्रिक

दिल्ली चुनाव में सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस पार्टी को हुआ है, जिसने पंद्रह वर्षों तक दिल्ली में शासन किया था और उसने लगातार तीसरी बार दिल्ली में शून्य सीट हासिल कर हैट्रिक का रिकॉर्ड बनाया।

दिल्ली चुनाव के नतीजों में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन नई दिल्ली सीट से प्रत्याशी संदीप दीक्षित ने कहा कि हम इस बात को स्वीकार करते हैं कि हमारी पार्टी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई। शायद लोगों को हम पर भरोसा नहीं हुआ। दिल्ली के लोगों को ऐसा लगा होगा कि शायद हम उन्हें अच्छी सरकार नहीं दे पाएंगे, इसलिए उन्होंने हमें चुनना जरूरी नहीं समझा।

जब उनसे पूछा कि कांग्रेस अधिकांश सीटों पर पिछड़ती हुई नजर आ रही है, तो उस पर उन्होंने कहा कि पिछड़ने की बात नहीं है। हमें इस बात की पूरी उम्मीद थी कि हम 12 से 14 फीसदी वोटिंग हासिल करने में सफल रहेंगे, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया।

उन्होंने कहा कि बिल्कुल, हमें यह स्वीकार करने में कोई गुरेज नहीं है कि हम दिल्ली के लोगों के दिलों में जगह बनाने में पूरी तरह से विफल साबित हुए, जो कि हम सभी के लिए निराशा की बात है।

उन्होंने कहा कि एग्जिट पोल सही साबित हुए हैं। भाजपा कई सीटों पर आगे चल रही है। अभी कुछ ही देर में दिल्ली की पूरी राजनीतिक स्थिति साफ हो जाएगी। निश्चित तौर पर दिल्ली में भाजपा सरकार बनाती हुई नजर आ रही है।

वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टीएस सिंह देव ने बातचीत में कहा कि दिल्ली में जिस पार्टी ने भी जीत हासिल की है, उसे शुभकामनाएं। रही बात कांग्रेस की तो इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि दिल्ली में स्थिति निराशाजनक रही है।

उन्होंने कहा कि रुझानों में कांग्रेस कभी एक सीट पर आगे दिख रही थी, तो कभी शून्य की स्थिति में नजर आ रही थी। भाजपा के रूझान भी लगातार बदलते हुए नजर आ रहे हैं।

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